इन लोगों को कभी भी रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए, ये छोटी सी गलती बर्बाद कर देगी इंसान को 

सावन का महीना चल रहा है. इस महीने यानी सावन महीने शिवलिंग पर रुद्राक्ष चढ़ाना शुभ होता है. रुद्राक्ष का मतलब है - रुद्र का अक्ष। शिव के आंसुओं से रुद्राक्ष की उत्पत्ति हुई है.

रुद्राक्ष का इस्तेमाल प्राचीन काल से ही सुरक्षा, ग्रहों की शांति और आध्यात्मिक लाभ के लिए आभूषण के रूप में किया जाता रहा है.

मुख्य रूप से रुद्राक्ष 17 तरह के होते हैं, पर 12 मुखी रुद्राक्ष का महत्व विशेष है. रुद्राक्ष को कलाई, गले और हृदय पर पहना जा सकता है

रुद्राक्ष को गले तक पहनना सबसे अच्छा होता है. कलाई पर 12, गले पर 36 और हृदय पर 108 दानों वाला रुद्राक्ष पहनना चाहिए.

आप एक माला भी पहन सकते हैं, लेकिन यह माला हृदय तक होनी चाहिए और लाल धागे में बंधी होनी चाहिए।

रुद्राक्ष धारण करने वालों को हमेशा सात्विक रहना चाहिए। मांस-मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें। अपना आचरण शुद्ध रखें। अन्यथा रुद्राक्ष के परिणाम विपरीत भी हो सकते हैं।

इसे धारण करने से पहले भगवान शिव को अर्पित करना न भूलें। महादेव को अर्पित करने के बाद इसे माला में पिरोते हुए मंत्रों का जाप करें। इसके बाद ही इसे धारण करें।