कल्कि अवतार की तारीख, कल्कि अवतार का विवाह, कल्कि अवतार कहां और कब होगा, कल्कि अवतार फोटो, कल्कि अवतार का रहस्य

कल्कि अवतार की तारीख – कल्कि भगवान विष्णु के अनेक अवतारों में से अंतिम अवतार हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार कलयुग के अंत में भगवान विष्णु कल्कि अवतार में जन्म लेंगे और इसके बाद कलयुग समाप्त हो जाएगा और पुनः सत्ययुग की शुरुआत होगी। हिंदू धर्मग्रंथों के अनुसार जब पाप अपने चरम पर होगा, तब भगवान विष्णु कल्कि के रूप में धरती पर प्रकट होंगे। ऐसे में आज हम आपको बताएंगे कल्कि अवतार का विवाह, कल्कि अवतार कहां और कब होगा, कल्कि अवतार फोटो, और कल्कि अवतार का रहस्य क्या है? तो आइये जानते है –

क्या कल्कि अवतार जन्म ले चुका है?
नहीं, कल्कि अवतार अभी नहीं हुआ है।

कल्कि अवतार की तारीख – कल्कि अवतार कहां होगा और कल्कि अवतार कब होगा

कल्कि अवतार की कोई तारीख निश्चित तारीख या साल नहीं है, लेकिन पुराणों में उनके जन्म से सम्बंधित कुछ बातें बताई गयी है।

कलयुग और सत्ययुग के बीच संक्रमण काल के दौरान मानव जाति के कल्याण के लिए भगवान विष्णु भगवान कल्कि के रूप में धरती पर जन्म लेंगे। पुराणों के अनुसार , कलयुग के अंत में अभी 426875 वर्ष शेष बचे हुए है, और वर्तमान में कलयुग का प्रथम चरण चल रहा है और 5126 वर्ष ही अभी तक बीते हैं।

कल्कि भगवान विष्णु के दसवें व आखिर अवतार होंगे। कल्कि जन्मस्थान के संबंध में लिखा गया है कि भगवान कल्कि उत्तर प्रदेश राज्य के संभल जिले में एक ब्राह्मण के घर में जन्मेंगे। उनका जन्म सावन माह में शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को होगा। भगवान कल्कि के पिता भगवान विष्णु के भक्त होंगे, जो वेदों और पुराणों के ज्ञाता भी होंगे।

कल्कि अवतार का विवाह (Kalki Avatar Ka Vivah)

भगवान कल्कि के दो विवाह होंगे। उनकी पत्नियों का नाम लक्ष्मी रूप में पद्मा और वैष्णवी रूप में रमा होगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कल्कि अवतार में भगवान विष्णु वैष्णो देवी से विवाह करेंगे। शास्त्रों में वर्णित है कि देवी भगवान श्री राम से विवाह करने के लिए युगों से तपस्या में लीन हैं, भगवान कल्कि उनकी तपस्या पूर्ण करेंगे।

कल्कि अवतार की पहचान और कल्कि अवतार का रहस्य

कल्कि जी के पास देवदत्त नामक घोड़ा रहेगा, जिस पर बैठकर कल्कि भगवान दुष्टों का नाश करेंगे। कल्कि के हाथों में धनुष-बाण के साथ-साथ तलवार भी होगी। शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान कल्कि जी 64 कलाओं में निपुण होंगे। कल्कि भगवान के भी भगवान श्री राम की तरह ही 4 भाई होंगे, जिनके नाम सुमंत, प्रज्ञा व कवि होंगे। इसके अतिरिक्त भगवान कल्कि के विजय, जय, मेघवाल और बलाहक नामक चार पुत्र भी होंगे।

भगवान विष्णु के रूप में कल्कि अवतार का मार्गदर्शन परशुराम जी द्वारा किया जायेगा। बता दें कि परशुराम जी को अमरता का वरदान मिला हुआ है। परशुराम जी की सलाह पर कल्कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या करेंगे। कहा जाता है कि भगवान शिव को प्रसन्न करने के बाद भगवान कल्कि को कई दिव्य शक्तियां प्राप्त होंगी, जिनकी मदद से वे अधर्मियों का नाश करेंगे, साथ ही धर्म की स्थापना करेंगे। भगवान नारायण के इस रूप को निष्कलंक भगवान के नाम से भी जाना जाएगा।

कल्कि अवतार फोटो (Kalki Avatar Photo / Kalki Avatar Images)

यंहा प्रतीकात्मक इमेजेज दी गयी है –

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ऐसे करें भगवान कल्कि की पूजा

कल्कि जयंती पर सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। कुछ लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं और अगर आप व्रत रख रहे हैं तो हाथ में जल लेकर व्रत रखने का संकल्प लें। इसके बाद मंदिर की सफाई करें और मंदिर समेत पूरे घर में गंगाजल छिड़कें। फिर कल्कि रूप में भगवान विष्णु की पूजा करें। एक चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और भगवान विष्णु की मूर्ति स्थापित करें। इसके बाद उन्हें तिलक लगाएं और फूल-फल चढ़ाएं। फिर आरती करें और दिनभर व्रत रखने के बाद रात को व्रत खोलें।

भगवान विष्णु के 10 अवतार

1) मत्स्य अवतार

भगवान विष्णु का पहला अवतार मत्स्य अवतार माना गया है। मत्स्य अवतार में विष्णु जी मछली के रूप में प्रकट हुए थे। मान्यता के अनुसार एक राक्षस ने वेदों को चुराकर समुद्र की गहराई में छिपा दिया था, तब भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया था और वेदों को ढूंढ़कर पुनः स्थापित किया था।

2) कूर्म अवतार

कूर्म अवतार को ‘कच्छप अवतार’ भी कहा जाता है। इसमें भगवान विष्णु कछुए के रूप में प्रकट हुए थे। कच्छप अवतार में श्री हरि ने क्षीरसागर के समुद्र मंथन के दौरान मंदराचल पर्वत को अपने कवच पर धारण किया था।

3) वराह अवतार

वराह अवतार हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु के दस अवतारों में से तीसरा अवतार है। इस अवतार में भगवान ने सुअर का रूप धारण किया और राक्षस हिरण्याक्ष का वध किया।

4) नरसिंह अवतार

ग्रंथों के अनुसार नरसिंह भगवान विष्णु का चौथा अवतार है। इसमें भगवान का मुख सिंह का तथा शरीर मनुष्य का था। नरसिंह अवतार में उन्होंने अपने भक्त प्रह्लाद के पिता राक्षस हिरण्यकश्यप का वध कर उसकी रक्षा की।

5) वामन अवतार

वामन भगवान विष्णु के पांचवें अवतार हैं। इस अवतार में भगवान ब्राह्मण बालक का रूप धारण कर धरती पर आए तथा प्रह्लाद के पौत्र राजा बलि से तीन पग भूमि दान में मांगी।

6) परशुराम अवतार

वे दस अवतारों में से छठे अवतार थे। वे भगवान शिव के बहुत बड़े भक्त थे। भगवान शंकर उनकी भक्ति से प्रसन्न हुए तथा उन्हें परशु अस्त्र प्रदान किया।

7) श्री राम अवतार

भगवान विष्णु के दस अवतारों में से एक अवतार मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम हैं। श्री राम का उल्लेख रामचरितमानस तथा रामायण दोनों में मिलता है।

8) श्री कृष्ण अवतार

श्री कृष्ण भी विष्णु के अवतार थे। भागवत ग्रंथ में भगवान कृष्ण के पराक्रम की कथाएं हैं। उनके कई नाम हैं जैसे गोपाल, गोविंद, देवकी नंदन, वासुदेव, मोहन, माखन चोर, मुरारी। साथ ही, उन्होंने युद्ध से पहले अर्जुन को गीता का उपदेश दिया था।

9) भगवान बुद्ध अवतार

विष्णु के दस अवतारों में से एक बुद्ध भगवान भी शामिल हैं। उन्हें गौतम बुद्ध, महात्मा बुद्ध के नाम से भी जाना जाता है,जो बौद्ध धर्म के संस्थापक माने जाते है।

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