Nokia Kaha Ki Company Hai – एक समय था जब भारत सहित कई कई अन्य देशों में नोकिया फोन का क्रेज हुआ करता था। लोग नोकिया फोन के दीवाने थे, क्योकि उस समय एंड्रॉइड फोन का बाजार नहीं बना था। उस समय हर किसी के पास नोकिया फोन ही देखने को मिलता था। तो आइये जानते है नोकिया किस देश की कंपनी है (Nokia Kis Desh Ki Company Hai Hindi Mein) –
नोकिया कहां की कंपनी है (Nokia Kaha Ki Company Hai In Hindi)
नोकिया फ़िनलैंड की एक बहुराष्ट्रीय कंपनी है, जिसका मुख्यालय एस्पो, फिनलैंड में स्तिथ है। नोकिया के कई देशों में कार्यालय हैं। भारत में नोकिया कंपनी का ऑफिस गुड़गांव में है और सर्विस सेंटर हर शहर में हैं। नोकिया कंपनी की स्थापना 12 मई 1865 को फिनलैंड के ताम्पेरे में हुई थी। इस कंपनी के संस्थापक का नाम फ्रेड्रिक इडेस्टैम है।
नोकिया का इतिहास
जब नोकिया कंपनी की शुरुआत हुई थी तब नोकिया मोबाइल फोन नहीं बनाती थी, बल्कि यह टॉयलेट पेपर और रबर बनाने का बिजनेस करती थी। उस समय, फ्रेडरिक इडेस्टैम और लियो मेचेलिन कंपनी के सह-संस्थापक थे। उनके बीच आपसी मतभेद थे, दोनों सहमति से योजना नहीं बना पाते थे।
लियो मैकेलिन व्यवसाय को केबल और इलेक्ट्रॉनिक्स में विस्तारित करना चाहते थे, लेकिन फ्रेडरिक इसके पक्ष में नहीं थे। 1871 में लियो मैकेलिन ने कंपनी का नाम Nokia AB रखा।
कंपनी का नाम नोकिया नोकिंवीरता नदी के कारण रखा गया, जो फिनलैंड की एक नदी नोकिंवीरता के पास टाम्परे शहर में स्थित है।
1896 में, फ्रेडरिक कंपनी से सेवानिवृत्त हो गए और लियो मेकेलिन कंपनी के अध्यक्ष बने, जिन्होंने 1896 के बाद इलेक्ट्रॉनिक्स में आगे बढ़ना शुरू किया।
प्रथम विश्व युद्ध के दौरान नोकिया एबी को दिवालिया घोषित कर दिया गया, जिसके बाद नोकिया एबी फिनिश रबर वर्क्स के नियंत्रण में आ गया। लियो मैकेलिन 1914 तक इस कंपनी के अध्यक्ष रहे।
1967 में फिनिश केबल वर्क, फिनिश रबर वर्क और नोकिया एबी ने मिलकर नोकिया कॉर्पोरेशन की शुरुआत की।
1970 में कंपनी ने सेना और आम नागरिकों के लिए रेडियो टीवी जैसे इलेक्ट्रिक उपकरणों का निर्माण शुरू किया।
1984 में नोकिया ने सलोरा कंपनी को खरीद लिया, जो कि एक टीवी निर्माता कंपनी थी। फिर 1985 में इसने कंप्यूटर निर्माता कंपनी लक्सर एबी को खरीद लिया और 1987 में इसने एक टीवी निर्माता कंपनी ऑसनिक को अपने कब्जे में ले लिया, जिसके बाद नोकिया दुनिया की तीसरी बड़ी टीवी निर्माता कंपनी बन गई।
अब नोकिया ने मोबाइल फोन निर्माण उद्योग में कदम रखा और सबसे पहले नोकिया ने मोबिरा नाम की फोन निर्माण कंपनी खरीदी और कुछ समय बाद नोकिया ने 1982 में अपना पहला कार फोन लॉन्च किया, जिसका नाम मोबिरा सीनेटर रखा गया। ये फोन काफी भारी था, इसका वजन करीब 10 किलो था।
इसके कुछ समय बाद 1984 में कंपनी ने मोबीरा टॉकमैन नाम से एक और फोन लॉन्च किया। यह फोन पहले फोन से हल्का था, इसका वजन करीब 5 किलो था, जिसे आम जनता ने काफी पसंद किया था।
कुछ ही समय बाद 1987 में नोकिया ने अपना तीसरा फोन मोबीरा सिटीमैन लॉन्च किया, जिसने बाजार में अच्छी पकड़ बना ली क्योंकि यह फोन वजन में बहुत हल्का था, इसका वजन 800 ग्राम था, जिसके कारण लोग इसे कहीं भी ले जा सकते थे। इस फोन के बाद नोकिया को लोगों के बीच काफी लोकप्रियता मिली और वह प्रमुख ब्रांड के रूप में जाना जाने लगा।
इसके बाद नोकिया ने अपनी सीरीज लॉन्च की, जिसका पहला फोन नोकिया 2100 था। इस फोन ने मोटोरोला और नोकिया जैसी फोन निर्माता कंपनियों को पीछे छोड़ दिया और कुल विश्व बाजार के 30% हिस्से पर कब्जा कर लिया।
2003 में नोकिया कंपनी ने अपने दो फोन नोकिया 1100 और नोकिया 1110 लॉन्च किए, जिन्होंने दुनिया में सबसे ज्यादा बिकने का रिकॉर्ड बनाया और उस समय भारत में 70% लोगों के पास नोकिया का यही फोन था।
नोकिया की वर्तमान स्थिति
आज के समय में नोकिया की मार्केट वैल्यू पहले की तुलना में काफी कम हो गई है। एक समय था जब नोकिया को इंडस्ट्री का बादशाह माना जाता था, लेकिन अब एप्पल, सैमसंग जैसी कंपनियों के आने से नोकिया काफी पिछड़ गया।
इसके पिछड़ने का मुख्य कारण यह है कि नोकिया समय के साथ खुद को अपडेट नहीं कर सका और लोगों की जरूरतों को नहीं समझ सका। जब कई कंपनियां अपने एंड्रॉइड टच स्क्रीन फोन बाजार में लॉन्च कर रही थीं, तब भी नोकिया पुराने कीपैड फोन में लगी हुई थी, जिसके कारण ऐप्पल, सैमसंग और अन्य चीनी कंपनियों ने नोकिया की जगह ले ली। 2010 के आसपास नोकिया कंपनी को अमेरिकी बाजार में 30% का नुकसान हुआ।
3 सितंबर 2013 को माइक्रोसॉफ्ट ने नोकिया कंपनी को 7.2 बिलियन डॉलर में खरीद लिया और माइक्रोसॉफ्ट ने सत्या नडेला को कंपनी का सीईओ बनाया। सत्या नडेला ने कहा कि नोकिया कंपनी को खरीदना माइक्रोसॉफ्ट की एक बड़ी गलती है, क्योंकि नोकिया का बाजार दिन-ब-दिन गिरता जा रहा है और बाजार में पहले से ही दो ऑपरेटिंग सिस्टम मौजूद हैं जिसके कारण माइक्रोसॉफ्ट विंडोज के लिए अपनी जगह बनाना बहुत मुश्किल है।
माइक्रोसॉफ्ट ने नोकिया कंपनी को एचएमडी ग्लोबल नामक कंपनी को बेच दिया। एचएमडी ग्लोबल कंपनी नोकिया के पूर्व कर्मचारियों द्वारा बनाई गई कंपनी थी और आज नोकिया को एचएमडी ग्लोबल कंपनी द्वारा ही संचालित किया जाता है। अब यह फॉक्सकॉन कंपनी के फोन बनाती है और फोन की मार्केटिंग HMD ग्लोबल कंपनी ही करती है लेकिन ब्रांड का नाम नोकिया ही है।