Ravan Ke Kitne Bhai The – त्रेता युग में जन्मा रावण एक ऐसा दुष्ट राक्षस था जो भगवान शिव का परम भक्त भी था। उसका जन्म ब्राह्मण-राक्षस कुल में हुआ था लेकिन उसमें राक्षसी गुण अधिक थे। ब्राह्मण होने के कारण उसे सभी वेदों और शास्त्रों का अच्छा ज्ञान था, लेकिन उसके कर्म राक्षसों जैसे ही थे।
रावण ने अपने जीवन में कई वरदान प्राप्त किए थे, लेकिन उसकी सबसे बड़ी गलती देवी लक्ष्मी के अवतार माता सीता का अपहरण करना था। इस घटना ने रावण और उसके कुल का नाश कर दिया। रावण के पाप ऐसे थे कि भगवान विष्णु को धरती पर अवतार लेना पड़ा। तो ऐसे में आइये जानते है रावण के भाइयों के नाम क्या है – Ravan Ke Bhaiyo Ka Naam –
रावण के कितने भाई थे, रावण के भाइयों के नाम – Ravan Ke Kitne Bhai The
त्रेता युग में लंका पर राक्षसराज रावण का शासन था। वह बहुत ही भयंकर, कपटी और अभिमानी राक्षस था। हालांकि, उसका जन्म महान ऋषि पुलस्त्य के कुल में हुआ था। पुलस्त्य स्वयं भगवान ब्रह्मा के मानस पुत्र थे। उन्हें रावण का दादा माना जाता था। रावण की दादी का नाम हविभुर्वा था। रावण के पिता विश्रवा थे, जिन्होंने कैकसी नाम की राक्षस कन्या ने विवाह किया था। कैकसी ने रावण सहित 3 पुत्रों को जन्म दिया। जब रावण और श्री राम का युद्ध हुआ, तो रावण मारा गया।
रावण संहिता और रामायण महाकाव्य के अनुसार, कैकसी से विश्रवा को जो संतानें हुईं, वे पहले रावण, फिर कुंभकर्ण, फिर विभीषण थीं। कैकसी ने सुपर्णखा नामक राक्षसी को भी जन्म दिया। इन 4 के अलावा विश्रवा की और भी संतानें थीं। उनके नाम हैं- अहिरावण, खर, दूषण, कुंभिनी और कुबेर।
इस तरह रावण के कुल 6 भाई हुए, जिनके नाम है – कुम्भकरण, विभीषण, खर, दूषण, अहिरावण व कुबेर
सगे भाई – कुम्भकरण और विभीषण
सौतेले भाई – खर, दूषण, अहिरावण व कुबेर
विभीषण – रामायण के अनुसार रावण का सबसे छोटा और सगा भाई विभीषण था, जो सीता हरण के बाद रावण का साथ छोड़कर श्री राम से जा मिला था। विभीषण ने रावण का वध करने में श्री राम का साथ दिया था। विभीषण ने ही श्री राम से कहा था कि रावण की टुंडी में बाण मारने से रावण का वध हो जाएगा। रावण की मृत्यु के बाद विभीषण को लंका का राजा बनाया गया।
कुंभकरण – रामायण के अनुसार कुंभकरण रावण का छोटा भाई था, कुंभकरण 6 महीने सोता था और 6 महीने जागता था। श्री राम से युद्ध के दौरान कुंभकरण ने रावण का साथ दिया था। अंत में भगवान राम ने कुंभकरण के दोनों हाथ काटकर उसका वध कर दिया था।
कुबेर – विश्रवा की पहली पत्नी इलाविदा से कुबेर का जन्म हुआ था। कुबेर देव का जन्म राक्षस राजा रावण से हजारों साल पहले हुआ था। बाद में रावण ने कुबेर के खिलाफ विद्रोह कर उसे लंका से बाहर निकाल दिया और पुष्पक विमान भी छीन लिया। कुबेर राक्षसों से दूर हो गए और यक्षों के राजा बन गए।
खर और दूषण – ये दोनों भी रावण के सौतेले भाई थे। इनका जन्म भी विश्रवा की दूसरी पत्नियों से हुआ था। खर का जन्म पुष्पोत्कटा से और दूषण का जन्म वाका से हुआ था। रावण ने इन्हें दंडकारण्य भेज दिया था, जहां ये राज करते थे। ये दोनों नरभक्षी थे। शूर्पणखा भी इनके देश में घूमती थी। शूर्पणखा ने कालका के पुत्र दानवराज विद्युविह्वा से विवाह किया था। शूर्पणखा के अलावा रावण की एक और बहन थी जिसका नाम कुंभिनी था। वह मथुरा के राजा मधु की पत्नी थीं, जिन्होंने राक्षस लवणासुर को जन्म दिया था।