Aasman Mein Kitne Taare Hain – जब भी हम खुले आसमान के नीचे अपने आंगन में सोते हैं और आसमान की ओर देखते हैं, तो हमे अपनी नंगी आंखों से कई तारे दिखाई देते है। हम उन्हें गिनने की कोशिश भी करते हैं, लेकिन एक बार जब हम इन तारों को गिनते हैं, तो ऐसा लगता है कि इन तारों की संख्या खत्म होने का नाम ही नहीं ले रही है। तारों को गिनना कोई आसान काम नहीं है, यह लगभग नामुमकिन है। तो आइये आज हम आपको बताते है की आसमान में कितने तारे होते हैं (Aasman Mein Kitne Taare Hote Hain) –
आसमान में कितने तारे हैं (Aasman Mein Kitne Taare Hain)
गैरी गिलमोर कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में खगोलशास्त्री प्रोफेसर हैं, उनका काम हमारी आकाशगंगा में मौजूद तारों को ढूंढना है। दरअसल गैरी एक ऐसे प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं जिसके तहत यूरोपियन स्पेस शिप के ज़रिए हमारी आकाशगंगा में मौजूद तारों की गिनती की जाती है।
बीबीसी से बात करते हुए गैरी ने तारों की संख्या के बारे में बताया कि हमारी आकाशगंगा में करीब 20 हज़ार करोड़ तारे हैं। अगर ब्रह्मांड की बात करें तो उनमें 10 हज़ार करोड़ आकाशगंगाएँ हैं, यानी एक आकाशगंगा में 20 हज़ार करोड़ तारे हैं और ब्रह्मांड में कुल 10 हज़ार करोड़ आकाशगंगाएँ हैं। अगर इन्हें गुणा करें तो जो संख्या निकलती है वो है 2000000000000000000000000।
तारा क्या है?
रात में आसमान में जगमगाती और चमकने वाली चीज़ों को तारे कहते हैं। आपको बता दें कि तारों का कोई आकार नहीं होता और न ही उनका कोई वजन होता है। धरती से तारों की दूरी बहुत ज़्यादा है, जिसकी वजह से वे आसमान में बहुत छोटे और खूबसूरत दिखते हैं। सही मायनों में तारों को खगोलीय पिंड कहा जाता है। आपको बता दें कि जिन खगोलीय पिंडों में अपना प्रकाश और ऊष्मा होती है, जिसे वे उत्सर्जित करते हैं, उन खगोलीय पिंडों को तारे कहते हैं।
दिन-प्रतिदिन आसमान में इन आकाशीय पिंडों यानी तारों की संख्या बढ़ती जा रही है। पूरे ब्रह्मांड में कितने तारे हैं, इसकी कल्पना करना भी नामुमकिन है। धरती से इन आकाशीय पिंडों को देखना बेहद खूबसूरत और आकर्षक लगता है। धरती से अत्यधिक दूरी की वजह से ये पूरे आसमान में छोटी और चमकदार चीज़ों की तरह दिखते हैं, जिन्हें लोग तारे कहते हैं। तारों के बिना आसमान अधूरा लगता है, ये तारे ही हैं जो रात में आसमान को बेहद खूबसूरत बनाते हैं।
तारों के बारे में रोचक तथ्य —
#1. तारा एक खगोलीय पिंड है जो लगातार प्रकाश में ऊष्मा उत्सर्जित करता है।
#2. तारे प्रकाश के स्रोत हैं, जिस तरह से सूर्य प्रकाश का स्रोत है। इन तारों में हाइड्रोजन गैस भरी होती है जो निरंतर जलती रहती है। हाइड्रोजन के जलने से हीलियम गैस बनती है। इस क्रिया से ऊर्जा उत्पन्न होती है जो तारे में प्रकाश का कारण बनती है।
#3. तारों से आने वाला प्रकाश जिसे हम दूरबीन की सहायता से देख सकते हैं, लाखों वर्षों के बाद पृथ्वी पर पहुँचता है।
#4. तारे का अपना प्रकाश होता है और इस प्रकाश का कारण अत्यधिक गर्म गैसें होती हैं। ग्रहों के पास अपना प्रकाश नहीं होता, वे तारों के प्रकाश के कारण चमकते दिखाई देते हैं।
#5. रंग के आधार पर तारे लाल, नारंगी, पीले, हरे, सफेद और नीले होते हैं। यह रंग बताता है कि तारे में कौन सा रासायनिक तत्व मौजूद है। सतह के तापमान से तारे का रंग निर्धारित होता है।
#6. इन तारों को स्पेक्ट्रम द्वारा विभाजित किया जा सकता है। किसी भी तारे से निकलने वाले प्रकाश का स्पेक्ट्रम उस तारे को नीले तारे और लाल तारे की श्रेणी में विभाजित करता है। हमारा सूर्य पीले तारों की श्रेणी में आता है।
#7. कुछ तारे ठंडे भी होते हैं क्योंकि उनका पदार्थ तरल रूप में होता है जैसे लोहा भट्टी में पिघलता है। कुछ पुराने तारों में पदार्थ का घनत्व अधिक होता है, इन तारों को ‘मृत तारे’ या ‘अंधेरे तारे’ कहा जाता है।
#8. खगोलशास्त्री तारों के बारे में यह जानकारी स्पेक्ट्रोस्कोप नामक उपकरण के माध्यम से निकालते हैं। स्पेक्ट्रोस्कोप तारों द्वारा उत्सर्जित प्रकाश का अध्ययन करते हैं और पता लगाते हैं कि तारे में क्या पदार्थ है और वह कितना गर्म है।
#9. तारों में 70% हाइड्रोजन, 28% हीलियम, 1.5% कार्बन, नाइट्रोजन एवं नियॉन तथा 0.5 प्रतिशत लोहा के साथ अन्य तत्व होते हैं।
#10. किसी तारे का जीवन चक्र आकाशगंगा में घने बादलों के रूप में हाइड्रोजन और हीलियम गैसों के संचय से शुरू होता है।
#11. तारे वायुमंडलीय अपवर्तन के कारण टिमटिमाते हैं जिससे सूर्य का प्रकाश चमकता है।
#12. हमारी आकाशगंगा का सूर्य भी चमकता है क्योंकि सूर्य भी एक तारा ही है, पर सूर्य आकाश के तारों में सबसे चमकीला तारा नहीं है। अगर दूसरे तारों से तुलना की जाए तो सूर्य मध्यम चमकीला है और ये तारे हमारे सूर्य से अधिक चमकते हैं।
#13. पृथ्वी के अंधेरे आकाश में सबसे चमकीला तारा ‘सिरियस-ए’ है, इसे कभी-कभी दिन में भी देखा जा सकता है।
#14. सभी तारे (ध्रुव तारे को छोड़कर) रात के समय आकाश में पूर्व दिशा से पश्चिम दिशा की ओर चलते हैं क्योंकि पृथ्वी स्वयं अपनी धुरी पर पश्चिम दिशा से पूर्व दिशाकी तरफ घूमती है।
#15. दुनिया की सबसे शक्तिशाली दूरबीन का उपयोग करके 10000000000 तारों की तस्वीरें ली गई हैं।