Bhagwan Vishnu Ke Kitne Avatar Hai – कहते हैं कि जब भी धरती पर कोई संकट आता है तो भगवान अवतार लेकर उस संकट को दूर करते हैं। भगवान शिव और भगवान विष्णु ने कई बार धरती पर अवतार लिया है। आज हम आपको भगवान विष्णु के अवतारों के बारे में बताएंगे। इनमें से कुछ अवतार धरती पर पहले ही हो चुके हैं। तो आइये जानते है विष्णु जी के अवतार के बारे में (Vishnu Ji Ke Avatar) –
भगवान विष्णु के कितने अवतार हैं (Bhagwan Vishnu Ke Kitne Avatar Hai)
भगवान विष्णु के कुल अवतार 24 हैं, जिनमे से 23 अवतार हो चुके है। जबकि 24 वा अवतार ‘कल्कि अवतार’ के रूप में होना शेष बचा है। इन 24 अवतारों में से 10 अवतार विष्णु जी के प्रमुख अवतार माने जाते हैं। ये अवतार हैं – मत्स्य अवतार, कूर्म अवतार, वराह अवतार, नरसिंह अवतार, वामन अवतार, परशुराम अवतार, राम अवतार, कृष्ण अवतार, बुद्ध अवतार और कल्कि अवतार। तो आइये अब जानते है भगवान विष्णु सभी अवतार के बारे में (Bhagwan Vishnu Ke Avatar) –
1) श्री सनकादि मुनि
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार सृष्टि के आरंभ में जगत के पिता भगवान ब्रह्मा ने अनेक लोकों की रचना करने की इच्छा से घोर तपस्या की। उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु जी सनक, सनन्दन, सनातन और सनत्कुमार नाम से चार ऋषियों के रूप में अवतरित हुए थे। ये चारों अपने प्राकट्य काल से ही मोक्ष मार्ग में लीन, ध्यान में लीन, नित्यसिद्ध और नित्य विरक्त थे।
2) वराह अवतार
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु ने वराह के रूप में दूसरा अवतार लिया। प्राचीन काल में जब दैत्य हिरण्याक्ष ने पृथ्वी को ले जाकर समुद्र में छिपा दिया, तब ब्रह्मा की नाक से भगवान विष्णु जी वराह के रूप में प्रकट हुए थे।
3) नारद अवतार
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार देवर्षि नारद भी भगवान विष्णु के ही अवतार हैं। शास्त्रों के अनुसार नारद मुनि ब्रह्मा के सात मानस पुत्रों में से एक हैं। उन्होंने कठोर तप करके देवर्षि का पद प्राप्त किया है।
4) नर-नारायण
सृष्टि के आरंभ में भगवान विष्णु ने धर्म की स्थापना के लिए दो रूपों में अवतार लिया था। इस अवतार में वे सिर पर जटाधारी थे। उनके हाथों में हंस, पैरों में चक्र और वक्षस्थल पर श्रीवत्स के चिह्न थे। धर्म ग्रंथों में वर्णित है की भगवान विष्णु जी ने नर-नारायण के रूप में यह अवतार पृथ्वी पर लिया था।
5) कपिल मुनि
भगवान विष्णु ने कपिल मुनि के रूप में पांचवां अवतार लिया था। उनके पिता का नाम महर्षि कर्दम और माता का नाम देवहूति था। भीष्म पितामह के मृत्युशैया पर लेटे समय भगवा कपिल भी वेदज्ञ व्यास जैसे ऋषियों के साथ वहां उपस्थित थे।
6) दत्तात्रेय अवतार
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु के अवतार में दत्तात्रेय छटे अवतार हैं।
7) यज्ञ अवतार
यज्ञ अवतार सातवें अवतार का नाम रहा है। धर्म ग्रंथों में वर्णित है की इनका जन्म स्वायंभुव मन्वंतर में हुआ था।
8) भगवान ऋषभदेव
भगवान विष्णु जी के अवतार में ऋषभदेव आठवे अवतार के रूप में शामिल है।
9) आदिराज पृथु
भगवान विष्णु जी के अवतार में आदिराज पृथु भी है।
10) मत्स्य अवतार
पुराणों के अनुसार भगवान विष्णु ने संसार को विनाश से बचाने के लिए मत्स्य अवतार लिया था। समय आने पर भगवान विष्णु ने मछली का रूप धारण कर राजा सत्यव्रत को तत्वज्ञान का उपदेश दिया, जो मत्स्य पुराण के नाम से जगप्रसिद्ध हुआ।
11) कूर्म अवतार
धार्मिक ग्रंथों में वर्णित है की भगवान नारायण जी ने कूर्म (कछुआ) का रूप लेकर समुद्र मंथन में मदद की थी। कूर्म अवतार को कच्छप अवतार के नाम से भी जाना जाता है। मंदराचल पर्वत भगवान कूर्म की विशाल पीठ पर तेजी से घूमने की वजह से समुद्र मंथन का कार्य पूर्ण हुआ।
12) भगवान धन्वंतरि
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार जब देवताओं और दानवों ने मिलकर समुद्र मंथन किया तो सबसे पहले जो चीज निकली वह भयंकर विष था जिसे भगवान शिव ने पी लिया। अंत में भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए। यह धन्वंतरि भगवान विष्णु के अवतार माने जाते हैं, इन्हें औषधियों का देवता भी माना जाता है।
13) मोहिनी अवतार
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार भगवान विष्णु ने मोहिनी अवतार लेकर देवताओं का कल्याण किया था।
14)भगवान नरसिंह
भगवान विष्णु ने नरसिंह रूप धारण करके राक्षस राजा हिरण्यकश्यप का वध किया था। जब हिरण्यकश्यप स्वयं प्रह्लाद को मारने ही वाला था, तब भगवान विष्णु नरसिंह रूप धारण करके खंभे से प्रकट हुए और अपने नाखूनों से हिरण्यकश्यप नामक राक्षस का वध कर दिया।
15) वामन अवतार
कुछ समय पश्चात भगवान विष्णु ने वामन रूप धारण किया था।
16) हयग्रीव अवतार
भगवान हयग्रीव अवतार में भगवान विष्णु की गर्दन और मुख घोड़े के समान थे। फिर भगवान हयग्रीव पाताल लोक पहुंचे और मधु-कैटभ का वध कर वेदों को भगवान ब्रह्मा को वापस दे दिया।
17) श्रीहरि अवतार
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, गजेंद्र की स्तुति सुनकर भगवान हरि प्रकट हुए और अपने चक्र से मगरमच्छ का वध किया। भगवान हरि ने गजेंद्र को बचाया और उसे अपना पार्षद बनाया।
18) परशुराम अवतार
हिंदू धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, परशुराम भगवान विष्णु के प्रमुख अवतारों में से एक थे।
19) महर्षि वेद व्यास
पुराणों में महर्षि वेद व्यास को भी इन्ही का अंश माना जाता है, जो नारायण के अवतार थे। इन्होने महाभारत की रचना भी की थी।
20) हंस अवतार
भगवान विष्णु ने महाहंस के रूप में प्रकट होकर सनकादि ऋषियों के संदेह का समाधान किया था। इसके बाद सभी ने भगवान हंस की पूजा की।
21) श्री राम अवतार
त्रेता युग में राक्षसराज रावण बहुत आतंक मचाता था। उसका वध करने के लिए भगवान विष्णु ने राजा दशरथ के यहां माता कौशल्या के गर्भ से पुत्र रूप में जन्म लिया। भगवान विष्णु ने राम अवतार लेकर देवताओं को भय से मुक्त किया।
22) श्री कृष्ण अवतार
द्वापर युग में भगवान विष्णु ने श्री कृष्ण अवतार लेकर अधर्मियों का नाश किया। भगवान कृष्ण ने कंस का वध भी किया। वे महाभारत युद्ध में अर्जुन के सारथी बने और दुनिया को गीता का ज्ञान दिया। उन्होंने धर्मराज युधिष्ठिर को राजा बनाकर धर्म की स्थापना की। भगवान विष्णु का यह अवतार सभी अवतारों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है।
23) बुद्ध अवतार
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध भी भगवान विष्णु के अवतार थे।
24) कल्कि अवतार
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार कलियुग में भगवान विष्णु कल्कि का रूप धारण करेंगे। कल्कि अवतार कलियुग और सत्ययुग के संधिकाल में होगा। यह अवतार 64 कलाओं से युक्त होगा। पुराणों के अनुसार यह अवतार विष्णु जी भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के मुरादाबाद जिले के शम्भल नामक स्थान पर विष्णुयश नामक तपस्वी ब्राह्मण के पुत्र के रूप में जन्म लेंगे। कल्कि देवदत्त नामक घोड़े पर सवार होकर इस दुनिया से पापियों का नाश करेंगे, साथ ही धर्म की पुनः स्थापना करेंगे।