गुरुवार के व्रत में दूध पीना चाहिए या नहीं – हिंदू सनातन धर्म में सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी-देवता को समर्पित है, इसी तरह गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा आराधना के लिए निर्धारित है। श्रीहरि नारायण की कृपादृष्टि से उनके भक्तों के संकट दूर हो जाते हैं। ऐसी मान्यता है कि सच्चे मन से भगवान की पूजा करने से सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। अगर आप पहली बार भगवान विष्णु का व्रत रखने की सोच रहे हैं तो आज हम आपको गुरुवार के व्रत में दूध पीना चाहिए या नहीं, गुरुवार के व्रत में दूध पी सकते है के बारे में जानकारी देने वाले है।
गुरुवार के व्रत में दूध पीना चाहिए या नहीं, क्या गुरुवार के व्रत में दूध पी सकते है
गुरुवार के व्रत में दूध नहीं पीना चाहिए, गुरुवार के व्रत में दूध नहीं पी सकते है। गुरुवार के व्रत में में नमक का सेवन नहीं करना चाहिए, सेंधा नमक का भी सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा गुरुवार के व्रत में लाल रंग के फल और केला भी नहीं खाना चाहिए।
गुरुवार के व्रत में खाए ये चीजे
गुरुवार व्रत के दौरान दूध, दही, पनीर, मक्खन खा सकते हैं, इन सब से आपको ऊर्जा मिलेगी।
कई लोग व्रत के दौरान गेहूं का आटा नहीं खाया जाता है, ऐसे में विकल्प के तौर पर आप कुट्टू का आटा, अरारोट का आटा, राजगिरा आटा, सिंघाड़े का आटा, साबूदाना और समा के चावल व्रत के दौरान लिए जा सकते हैं, क्योकि ये सभी फलाहार की श्रेणी में आते हैं।
व्रत के दौरान आप फल का सेवन कर सकते हैं – संतरा, अंगूर, पपीता, खरबूजा, तरबूज़ खायें। इससे न सिर्फ शरीर को पोषण मिलेगा बल्कि शरीर हाइड्रेट भी रहेगा। शकरकंद, टमाटर, गाजर, और खीरा खाने से पेट को ठंडक पहुँचती है।
व्रत के दौरान एनर्जी के लिए सूखे मेवों का सेवन किया जा सकता हैं। काजू, बादाम,, पिस्ता, खजूर, अखरोट, मूंगफली आदि के सेवन से आप ऊर्जावान रहेंगे, साथ ही आपको जल्दी भूख नहीं लगेगी।
व्रत का खाना बनाते समय आप साबुत मसाले, गुड़, जीरा, लाल मिर्च, अमचूर पाउडर जैसी चीजों का इस्तेमाल कर सकते हैं.
कोशिश करे की आप व्रत का खाना मूंगफली के तेल या सूरजमुखी के तेल या घी में ही पकाएं।
गुरुवार के व्रत में न खाए ये चीजे
कई लोग व्रत के दौरान गेहूं का आटा, बेसन, सूजी, मैदा, चावल आदि अनाज भी नहीं खाते हैं।
गुरुवार के व्रत में प्याज के साथ लहसुन का भी प्रयोग करना मना है।
व्रत के दिनों में नमक का सेवन नहीं किया जाता है, केवल सेंधा नमक का उपयोग किया जाता है।
गुरुवार के व्रत में एक बात का ध्यान रखें कि इस दौरान किसी भी तरह के नशे का सेवन नहीं करें।
गुरुवार के दिन गलती से भी न करें ऐसे काम
गुरुवार के दिन किसी भी प्रकार का दान नहीं करना चाहिए। पीली वस्तुओं के अलावा अन्य किसी भी वस्तु का दान वर्जित है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार के दिन कपड़े धोने और साबुन का इस्तेमाल करने से बचना चाहिए। साथ ही इस दिन धोबी को कपड़े धोने के लिए भी नहीं देने चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में बृहस्पति की स्थिति खराब हो जाती है और भाग्य भी आपका साथ नहीं देता है। ऐसा माना जाता है कि गंदे कपड़े धोने से पानी के साथ घर की समृद्धि भी चली जाती है। इस दिन इस काम से बचे।
गुरुवार के दिन पैसों के लेन-देन से बचना चाहिए। इस दिन न तो किसी को धन देना चाहिए और न ही किसी से धन लेना चाहिए। इस दिन दिया गया पैसा वापस आने की संभावना कम हो जाती है और लेने पर कर्ज बढ़ जाता है। इस दिन धन का लेन-देन करने से गुरु ग्रह का प्रभाव कम हो जाता है, इससे आर्थिक समस्याओं से गुजरना पड़ सकता है।
गुरुवार के दिन दक्षिण, पूर्व और दक्षिण-पश्चिम दिशा में यात्रा करने से बचना चाहिए। इस दिन इन दिशाओं में यात्रा करने से भटकाव होता है। अगर यात्रा करना बहुत जरूरी हो तो दही या जीरा खाकर ही घर से निकलें। लेकिन कोशिश करें कि इस दिशा में यात्रा न करें।
गुरुवार के दिन महिलाओं को बाल धोने से मना किया जाता है। महिलाओं की कुंडली में बृहस्पति को पति और संतान का कारक ग्रह माना जाता है। यदि वह इस दिन अपने बाल धोती है या कटवाती है, तो इसका असर उसके बच्चों और पति दोनों के जीवन पर पड़ता है। साथ ही कुंडली में बृहस्पति का शुभ प्रभाव भी कम हो जाता है और महिलाओं के सौभाग्य में बाधा आती है। वहीं पुरुषों को भी गुरुवार के दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवानी चाहिए, ऐसा करने से उनकी उम्र और धन में कमी आती है।
गुरुवार के दिन पूजा का सामान, आंखों से संबंधित सामान और चाकू, कैंची आदि धारदार वस्तुएं नहीं खरीदनी चाहिए। ऐसा करना शुभ नहीं माना जाता है, साथ ही इस दिन केला, खिचड़ी, भुने चने खाना भी वर्जित माना गया है। गुरुवार के दिन ये काम करने से कुंडली में बृहस्पति का अशुभ प्रभाव पड़ता है और नौकर-चाकर और व्यापार में रुकावटें आती हैं।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार बृहस्पति आपके जीवन के साथ-साथ आपके घर पर भी प्रभाव डालता रहता है। गुरुवार के दिन घर के ईशान कोण में पोछा नहीं लगाना चाहिए क्योंकि ईशान कोण का स्वामी गुरु है। इस दिशा में पोछा लगाने से इसका असर घर के सदस्यों पर पड़ता है और ईशान कोण कमजोर हो जाता है। साथ ही परिवार के सदस्यों पर शिक्षा, धर्म आदि चीजों को लेकर शुभ प्रभाव में कमी आती है।