तुमरुका जी कौन थे, तुमरुका जी की कथा, तुमरुका जी के उपाय, तुमरुका जी की फोटो और तुमरुका जी का मंत्र क्या है?

तुमरुका जी कौन है (Tumruka Mahadev In Hindi) – आज के इस लेख में हम आपको सुप्रसिद्ध गायक तुमरुका जी के बारे में जानकारी देने वाले है, जो हमेशा अपने हाथो में वीणा धारण किये हुए रहते थे। तो आइये जानते है तुमरुका जी कौन थे, तुमरुका जी के उपाय, तुमरुका जी की फोटो और तुमरुका जी का मंत्र –

तुमरुका जी कौन है / तुमरुका जी कौन थे (Tumruka Ji Kaun Hai In Hindi)

तुमरुका जी शिव भक्त थे, उनके शरीर में कुछ अनोखी बातें थीं। वे देखने में तो मनुष्य जैसे थे, लेकिन उनका चेहरा घोड़े जैसा था। उनके हाथ में वीणा रहती थी, जिससे वे संगीत बजाते थे और शिव महापुराण की कथाएँ सुनाया करते थे। उनके पिता का नाम कश्यप और माता का नाम प्रधा था। तुम्ब्रुका जी के 4 भाई भी थे, और वे एक प्रमुख संगीतकार और गायक थे।

तुमरुका जी शिव महापुराण की कथा सुनाते थे। उन्होंने ही देवी चंचला यानि माता लक्ष्मी जी को शिव महापुराण की कथा सुनाई थी। तुमरुका जी की कथा का जिक्र पंडित प्रदीप मिश्रा जी अक्सर शिव महापुराण की कथा में करते हैं, जिसमें पंडित जी बताते हैं कि तुमरुका जी शिव के बहुत बड़े भक्त थे, जो शिव महापुराण का पाठ किया करते थे।

जो भी भक्त शिव की पूजा करते समय तुमरुका जी का नाम लेता है उसे शिव जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। पंडित जी ने अपनी कथा के माध्यम से यह भी बताया है कि तुमरुका जी बहुत अच्छे कीर्तन गायक हैं, जब भी वे कीर्तन गाते थे तो 33 करोड़ देवता भी नाचने लगते थे।

तुमरुका जी की फोटो (Tumruka Ji Ki Photo)

तुमरुका जी की फोटो (Tumurika Ji Ki Photo)

तुमरुका जी की कथा इन हिंदी (Tumruka Ji Ki Katha In Hindi)

तुमरुका जी की एक बहुत प्रसिद्ध कथा है कि देवराज इंद्र के दरबार में प्रसिद्ध गायक, नर्तक और सुंदरियां आया करती थीं। इंद्र का दरबार इन सभी कलाकारों से सुशोभित था। ये सभी इंद्र के दरबार में आए अतिथियों का मनोरंजन किया करते थे। एक बार इंद्र के आमंत्रण पर तुमरुका जी भी उनके दरबार में गए। तुमरुका जी बहुत अच्छे गायक थे।

उस दिन इंद्र के दरबार में बहुत से अतिथि आए हुए थे। उस दिन इंद्र के दरबार में गायन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था। इस प्रतियोगिता में नारद जी सहित कई अन्य गायक भी थे, सभी ने अपने-अपने गीत गाए। तुमरुका जी ने भी अपना गीत गाया, जिसे सुनकर भगवान विष्णु ने तुमरुका जी की बहुत प्रशंसा की। इस प्रतियोगिता में विष्णु जी ने तुमरुका जी को मुख्य गायक का पुरस्कार भी दिया।

तुमरुका जी को पुरस्कार मिलने पर आए हुए अन्य सभी गायक ईर्ष्या करने लगे। नारद जी भी तुमरुका जी को पुरस्कार मिलने से दुखी थे। उनके अंदर भी ईर्ष्या की भावना उत्पन्न होने लगी। यह देखकर भगवान विष्णु ने नारद सहित सभी गायकों को समझाया कि किसी की प्रसिद्धि से विचलित नहीं होना चाहिए, बल्कि उससे सीख लेनी चाहिए। और अपने अंदर की कमियों को दूर करके आगे बढ़ना चाहिए। तुमरुका जी की यह कथा शिव महापुराण में भी बताई गई है।

तुमरुका जी का मंत्र क्या है (Tumruka Ji Ka Mantra Kya Hai In Hindi)

तुमरुका जी ने शिव महापुराण की कथा के माध्यम से भगवान शिव की आराधना का मूल मंत्र बताया है, जिसके जाप से मनुष्य की सारी परेशानियां धीरे-धीरे खत्म होने लगती हैं। वह मंत्र है “ॐ नमः शिवाय”। पंडित प्रदीप मिश्रा जी भी अपनी कथा के माध्यम से इसी मूल मंत्र का जाप करने को कहते हैं।

इसके अलावा पंडित प्रदीप मिश्रा जी शिव की आराधना करने और सारी मुश्किलों को खत्म करने का एक और उपाय बताते हुए कहते हैं कि हर समस्या का समाधान एक लोटा जल है। पंडित जी के अनुसार अगर आप रोजाना शिवलिंग पर एक लोटा जल भी चढ़ाते हैं तो ऐसा करने मात्र से आपके सारे दुख दर्द खत्म होने लगते हैं, साथ ही सभी मनोकामनाएं पूर्ण होने लगती है।

तुमरुका जी के उपाय क्या है (Tumruka Ji Ke Upay Kya Hai In Hindi)

शिव महापुराण की कथा के अनुसार यदि किसी दंपत्ति को संतान प्राप्ति नहीं हो पा रही है। अनेक वैद्यों से उपचार करवाने के बाद भी संतान प्राप्ति नहीं हो पा रही है तो उस दंपत्ति को तुमरुका जी का यह उपाय अपनाना चाहिए।

स्त्री के मासिक धर्म के 7वें दिन सफेद आंकडे की जड़ लेकर शिवलिंग पर सात बार घुमाएं और तुमरुका जी का नाम लेते हुए भगवान शिव से प्रार्थना करें, फिर उस जड़ को लाल कपड़े में बांधकर स्त्री की कमर में बांध दें। भगवान शिव के आशीर्वाद से उस दंपत्ति को शीघ्र ही संतान की प्राप्ति होगी।

एक और उपाय के अनुसार, मासिक धर्म के सातवें दिन सफेद आंकड़े के पेड़ की जड़ को भगवान शंकर जी के मंदिर में ले जाएं और इसे तुमरुका जी के नाम से 21 बार घुमाएं और फिर अपना नाम और गोत्र और अपने पति का नाम बोलें और बाबा से अपने घर में एक संतान देने की प्रार्थना करें। ऐसा करने के बाद, जड़ को मंदिर के अंदर अपनी कमर पर एक लाल धागे से बांधें। ऐसा करने के बाद, कुछ दिनों के बाद, भगवान शंकर की कृपा से आपको एक संतान की प्राप्ति होगी और आपका घर खुशियों से भर जाएगा।

तुमरुका जी का मंदिर कहाँ है (Tumruka Ji Ka Mandir Kahan Hai)

तुमरुका जी का मंदिर अभी तक पता नहीं है, लेकिन फिर भी आप किसी भी शिव मंदिर में जाकर तुमरुका जी का नाम लेकर शिव जी की पूजा कर सकते हैं। भगवान शिव जी आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी करेंगे।

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