विटामिन डी की कमी से क्या होता है (Vitamin D Ki Kami Se Kya Hota Hai)

Vitamin D Ki Kami Se Kya Hota Hai – विटामिन डी हड्डियों के स्वास्थ्य के लिए बहुत ज़रूरी है। विटामिन डी की कुछ मात्रा भोजन से भी प्राप्त होती है, हालाँकि इसका मुख्य स्रोत सूर्य की किरणें हैं। अगर शरीर में विटामिन डी बहुत कम हो जाए तो इसे विटामिन डी की कमी कहते हैं। विटामिन डी आपके शरीर के लिए बहुत ज़रूरी विटामिन है, जो शरीर की विभिन्न गतिविधियों को प्रभावित करता है। कैल्शियम अवशोषण, हड्डियों के स्वास्थ्य, कोशिकाओं की वृद्धि में मदद और सूजन को कम करने आदि के लिए विटामिन डी बहुत ज़रूरी है। सूरज की रोशनी के संपर्क में आने पर आपका शरीर अपने आप ही कोलेस्ट्रॉल से विटामिन डी का उत्पादन करता है। ध्यान देने वाली बात यह है कि विटामिन डी दरअसल वसा में घुलनशील विटामिन है।

विटामिन डी शरीर को कैल्शियम को पचाने और अवशोषित करने में मदद करता है। यह भोजन और अन्य विकल्पों से कैल्शियम को अवशोषित करके शरीर की कोशिकाओं को स्वस्थ रखता है।

कुछ खाद्य पदार्थों जैसे दूध में भी विटामिन डी मौजूद होता है। इसके अलावा, यह कुछ अन्य खाद्य पदार्थों जैसे मछली और डेयरी उत्पादों आदि में भी मौजूद होता है। हालाँकि, केवल आहार के ज़रिए पर्याप्त विटामिन डी प्राप्त करना मुश्किल है। तो आइये जानते है –

विटामिन डी की कमी से क्या होता है (Vitamin D Ki Kami Se Kya Hota Hai)

विटामिन डी की कमी से थकान, हड्डियों में दर्द, पीठ के निचले हिस्से में दर्द, डिप्रेशन, घाव भरने में लंबा समय लगना, हड्डियों का कमजोर होना, बालों का झड़ना, मांसपेशियों में दर्द जैसी समस्याएं होती हैं।

विटामिन डी का निदान इसके लक्षणों पर निर्भर करता है। इसके अलावा, रक्त परीक्षण के दौरान रक्त में विटामिन डी के स्तर का पता लगाया जाता है ताकि पता लगाया जा सके कि रोगी में कितनी कमी है और उसके अनुसार उसका निदान किया जाता है।

विटामिन डी की कमी को विटामिन डी सप्लीमेंट्स लेने से ठीक किया जा सकता है। आपका डॉक्टर आपकी स्थिति, उम्र और विटामिन डी की कमी के स्तर को देखकर ही दवा की खुराक और बेहतर उपचार बताएगा।

उदास रहना – विटामिन डी कमी में उदास रहना या चिड़चिड़ापन महसूस करना भी शामिल हैं।

वजन बढ़ना – अगर आप अचानक मोटे हो जाते हैं या आपका वजन बढ़ जाता है, तो इसका मतलब है कि आपके शरीर में विटामिन डी की कमी है। खास बात यह है कि अधिक वजन वाले लोगों को कम वजन वाले लोगों की तुलना में अधिक विटामिन डी की आवश्यकता होती है। अगर आप घनी मांसपेशियों के कारण अधिक वजन वाले हैं, तो आपको अधिक विटामिन डी लेने की आवश्यकता हो सकती है, क्योंकि विटामिन डी वसा में घुलनशील विटामिन है।

अक्सर संक्रमण का शिकार होना – – आपको पता होना चाहिए कि विटामिन डी आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। जब आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है, तो यह बैक्टीरिया और वायरस से लड़ने में आपकी मदद करती है।

अधिक थकान महसूस होना – वैसे तो थकान महसूस होने के कई कारण हो सकते हैं, लेकिन थकान विटामिन की कमी के कारण भी होती है।

घावों का आसानी से न भरना – ऑपरेशन और चोट लगने के बाद घावों का देर से भरना भी इस बात का संकेत है कि शरीर में विटामिन डी की काफी कमी है।

हड्डियों की कमी – कैल्शियम के अवशोषण के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है। अगर आपके शरीर में हड्डियों का घनत्व कम हो रहा है, तो इसका मतलब है कि आपके शरीर में कैल्शियम की कमी है। कैल्शियम की कमी के कारण फ्रैक्चर का खतरा बढ़ जाता है।

पाचन संबंधी समस्याएं – विटामिन डी एक प्रकार का वसा में घुलनशील विटामिन है। किसी भी प्रकार की पाचन संबंधी बीमारी वसा के अवशोषण को प्रभावित करती है, जिससे विटामिन डी का स्तर भी कम हो जाता है।

हड्डियों और जोड़ों में दर्द –विटामिन डी की कमी से हड्डियों की सेहत पर असर पड़ता है। साथ ही विटामिन डी की कमी से हड्डियों में दर्द होता है। यह दर्द घुटनों और पीठ पर ज़्यादा महसूस होता है। इसके अलावा विटामिन डी की कमी से ऑस्टियोपोरोसिस (एक प्रकार की हड्डी की बीमारी), हड्डियों में दर्द और आसानी से फ्रैक्चर होने का जोखिम काफी बढ़ जाता है।

सिर पर पसीना आना – विटामिन डी की कमी के चलते सिर पर पसीना आता है। यह लक्षण खास तौर पर नवजात शिशुओं में आम होता है। सिर पर पसीना आना विटामिन डी की कमी के शुरुआती लक्षणों में से एक माना जाता है।

बालों का झड़ना – बालों का झड़ना अक्सर तनाव से जुड़ा होता है, हालांकि विटामिन डी की कमी भी एक आम कारण है।

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