एक मच्छर के मुंह में कितने दांत होते हैं (Ek Machhar Ke Munh Mein Kitne Dant Hote Hai)

Ek Machhar Ke Kitne Dant Hote Hain – मच्छर एक ऐसा जानलेवा जीव है जिसके काटने से मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया जैसी जानलेवा बीमारियाँ फैल सकती हैं, साथ ही मच्छरों के काटने से दुनिया भर में कई तरह की बीमारियाँ फैलती हैं जिससे लोगों की मौत भी हो जाती है। इनसे बचने के लिए हम कई तरह के प्रोडक्ट इस्तेमाल किये जाते हैं और अपने आस-पास की जगह को साफ-सुथरा रखा जाता हैं।

मच्छर के काटने पर त्वचा काफी देर तक जलती रहती है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि मच्छर के मुंह में कितने दांत होते हैं जो चंद सेकंड में आपकी त्वचा को खरोंच देता है। शायद आपको जानकर आश्चर्य होगा एक छोटे से मच्छर के मुंह में किसी भी इंसान से ज्यादा दांत होते हैं। तो आइये जानते है मच्छर के मुंह में कितने दांत होते हैं (Ek Machhar Ke Munh Mein Kitne Dant Hote Hai In Hindi) –

एक मच्छर के कितने दांत होते हैं (Ek Machhar Ke Kitne Dant Hote Hain In Hindi)

एक मच्चर के मुंह में 47 दांत होते है, मच्छर अपने 47 दांतों की मदद से अपने शिकार पर हमला करता है। मच्छर के मुंह को प्रोबोसिस कहते हैं, जिसमें 47 नुकीले स्टाइलेट और दो ट्यूब होते हैं।

मच्छरों का हमला इतना तीव्र होता है कि उनके दांत शिकार की त्वचा को छेद देते हैं, जिससे वे खून चूसकर अपना पेट भरते हैं। असल में मच्छर के मुंह में दांत नहीं होते। जिसे हम दांत कहते हैं, वह मच्छर के डंक पर लगे छोटे-छोटे नुकीले सुईनुमा पदार्थ होते हैं।

मच्छरों को इंसान का खून चूसने में उनके 47 दांत मदद करते हैं। जब वे किसी इंसान पर हमला करते हैं, तो उसकी त्वचा में छेद कर देते हैं और उस इंसान का खून पीकर अपना पेट भर लेते हैं।

मच्छर के मुंह को प्रोबोसिस कहते हैं जिसमें 47 नुकीले स्टाइलेट और 2 ट्यूब होते हैं। इंसान का खून चूसते समय मच्छर सबसे पहले अपनी पहली ट्यूब को शरीर में इंजेक्ट करते है, ताकि वह इंसान के शरीर में एंटी-कोएगुलेंट ड्रग छोड़ सके। क्योंकि जैसे ही इंसान का खून हवा के संपर्क में आता है, उसमें थक्का जमना शुरू हो जाता है, इसलिए मच्छर सबसे पहले शरीर में एंटी-कोएगुलेंट ड्रग इंजेक्ट करता है और खून को जमने से रोकता है। इसके बाद वह अपनी दूसरी ट्यूब को इंसान के शरीर में इंजेक्ट करता है और उसकी मदद से इंसान का खून चूसता है।

जब हम मच्छरों के बारे में अध्ययन करते हैं तो कई रोचक बातें सामने आती हैं। मच्छर खून चूसने में सबसे तेज होते हैं, मच्छरों द्वारा खून चूसने की प्रक्रिया इतनी तेज होती है कि व्यक्ति को भी पता नहीं चलता कि कोई उसके शरीर से खून चूसा जा रहा है।

मच्छर इंसान का खून क्यों पीते हैं?

वैज्ञानिकों का मानना ​​है कि पहले मच्छर खून नहीं पीते थे। इंसानों या दूसरे जानवरों का खून पीने का यह बदलाव उनमें धीरे-धीरे आया। मच्छरों की कई ऐसी प्रजातियाँ हैं जो खून नहीं पीतीं और ज़िंदा रहने के लिए दूसरी चीज़ें खाती-पीती हैं। माना जाता है कि मच्छरों में खून पीने को लेकर यह बदलाव हज़ारों सालों में आया है।

जहाँ ज़्यादा गर्मी होती है या इलाका सूखा रहता है, यानी जहाँ पानी की कमी होती है, वहाँ मच्छर खून पीते, क्योंकि मच्छरों को प्रजनन के लिए नमी की ज़रूरत होती है।
जहाँ भी पानी जमा होता है, वहाँ मच्छरों को प्रजनन करने में कोई परेशानी नहीं होती। लेकिन जब उन्हें पानी की कमी महसूस होने लगती है, तो वे इंसानों या दूसरे जीवों का खून पीना शुरू कर देते हैं।

मच्छर कहाँ पाए जाते हैं?

मच्छरसभी देशों में पाए जाते हैं, और बरसात और नमी वाले मौसम में पैदा होते हैं। इसलिए मच्छर उन देशों में अधिक देखने को मिलते है, जिन देशो में बारिश और नमी ज़्यादा होती है। थाईलैंड, ब्राज़ील, फिलीपींस, ऑस्ट्रेलिया और इंडोनेशिया में सबसे ज़्यादा होते है।

मच्छर की उम्र कितनी होती है?

आम तौर पर एक मच्छर करीब 2 महीने तक जिंदा रह सकता है। कोई भी मच्छर 2 महीने से ज्यादा जिंदा नहीं रह सकता, हालांकि 1 महीने से लेकर अगले महीने के बीच में कभी भी उसकी मौत हो सकती है।

कौन-कौन सी बीमारियाँ होती हैं मच्छरों के काटने से?

मच्छरों के काटने से कई तरह की बीमारियाँ हो सकती हैं। जिसके तहत अगर आपको मच्छर काट ले तो आपको डेंगू, चिकनगुनिया, मलेरिया और ग्रेट एंटराइटिस जैसी गंभीर बीमारियाँ हो सकती हैं। कई बार ये अलग-अलग तरह की बीमारियाँ जानलेवा भी साबित होती हैं।

अगर किसी भी व्यक्ति को मादा एनोफिलीज मच्छर काट ले तो उसे मलेरिया जैसी गंभीर बीमारी हो जाती है। इस बीमारी के दौरान व्यक्ति को बुखार, थकान और बेचैनी जैसी कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा मच्छरों के कारण डेंगू की बीमारी भी फैलती है, और डेंगू की बीमारी कई बार जानलेवा भी साबित होती है।

इसलिए आपको अपने घर को हमेशा साफ-सुथरा रखना चाहिए, क्योंकि मच्छर मुख्य रूप से उसी जगह पर पनपते हैं जहाँ या तो गंदगी होती है या जहाँ बहुत पानी होता है या कई दिनों से पानी जमा हुआ होता है। इसलिए आपको ऐसे इलाकों में साफ-सफाई का खास ख्याल रखना चाहिए।

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