माणिक क्या है, माणिक रत्न के फायदे और नुकसान (Manik Stone Benefits In Hindi)

Ruby In Hindi Gemstone – ज्योतिष शास्त्र में 84 रत्नों और उपरत्नों का उल्लेख है, इन्हीं में से एक है माणिक्य। माणिक्य का संबंध ग्रहों के राजा सूर्य देव से है। जिन लोगों की कुंडली में सूर्य कमजोर होता है, उनकी कुंडली में अन्य ग्रह मजबूत होने पर भी शुभ फल नहीं दे पाते हैं। इसलिए सूर्य की स्थिति को मजबूत करने के लिए माणिक्य धारण करने की सलाह दी जाती है।

माणिक्य को संस्कृत में पद्मराग और रविरत्न कहा जाता है, जबकि अंग्रेजी में इसे रूबी स्टोन कहते हैं। भागदौड़ भरी जिंदगी में सुख, स्थिरता और तरक्की के लिए माणिक्य पहना जाता है। इस रत्न को पहनने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव कम होते हैं और नौकरी व व्यापार में अच्छी सफलता मिलती है। तो आइये जानते है माणिक रत्न क्या है, माणिक रत्न के फायदे और नुकसान (Manik Stone Benefits In Hindi) –

माणिक रत्न क्या है इन हिंदी (Manik Ratna Kya Hai In Hindi) – Ruby In Hindi Gemstone

माणिक्य एक रत्न है, जिसे सभी रत्नों में सबसे सुंदर रत्न माना जाता है। माणिक्य को अंग्रेजी में रूबी कहा जाता है। ज्योतिष के अनुसार माणिक्य रत्न सबसे उत्तम माना जाता है। यह लाल रंग का होता है, और काफी महंगा होता है। ज्यादातर माणिक्य रत्न का इस्तेमाल कंगन, हार, अंगूठी जैसे आभूषण बनाने में किया जाता है।

माणिक्य रत्न सूर्य से संबंधित रत्न माना जाता है। ज्योतिष के अनुसार माणिक्य में सकारात्मक ऊर्जा पाई जाती है, जिसे धारण करने के बाद व्यक्ति अपने अंदर सकारात्मक ऊर्जा महसूस करने लगता है। ज्योतिष के अनुसार माणिक्य धारण करने वाले लोगों को सौभाग्य की प्राप्ति होती है।

ज्योतिष के अनुसार यह रत्न विद्यार्थी, प्रोफेसर, व्यवसायी, राजनेता, सेना के जवान, प्रशासनिक अधिकारी, ब्राह्मण और पेशेवर लोगों को अवश्य धारण करना चाहिए या जो लोग जीवन में प्रसिद्ध होना चाहते हैं या अच्छी कमाई करना चाहते हैं या जो लोग देवी लक्ष्मी की पूजा करते हैं, उन्हें यह रत्न अवश्य धारण करना चाहिए। अगर आपमें आत्मविश्वास की कमी है तो माणिक्य रत्न अवश्य धारण करें। यकीन मानिए यह आपके आत्मविश्वास को डगमगाने नहीं देगा। तो आइये जानते हैं

माणिक रत्न के फायदे (Benefits Of Ruby Stone In Hindi)

रचनात्मक क्षेत्र से सम्बंधित लोगो को माणिक्य पहनना चाहिए। इस क्षेत्र से सम्बंधित लोगो द्वारा माणिक्य धारण करने से रचनात्मक शैली में निखार देखने को मिलता है। साथ ही गजब का आत्मविश्वास उनके में विकसित होता है। जिन लोगों को ऐसा लगता है कि उनकी कोई नहीं सुनता और वे काफी निराश हो जाते हैं, उन्हें माणिक रत्न का प्रयोग करना चाहिए। सूर्य आत्मा का कारक है और इस रत्न को पहनने से आपके बारे में लोगों की राय भी बदल जाती है। मान-सम्मान और यश में खूब वृद्धि होती है और सामाजिक दायरा भी बढ़ता है।

कुंडली में सूर्य की खराब स्थिति के कारण जीवन में कोई परेशानी आ रही है, तो उनके लिए माणिक्य रत्न लाभकारी हो सकता है। यह धीरे-धीरे परेशानियों को दूर करता है और हड्डियां भी बहुत मजबूत बनती हैं और उनमें बहुत ताकत होती है। साथ ही इस रत्न को पहनने से त्वचा संबंधी विकारों से भी राहत मिलती है।

माणिक्य रत्न पहनने से आत्मविश्वास बढ़ता है और आपके बारे में लोगों की राय बदल जाती है। जिन लोगों को लगता है कि उनकी कोई नहीं सुन रहा, उन्हें माणिक्य अवश्य धारण करना चाहिए। लेकिन ध्यान रखें कि माणिक्य को कभी भी लोहे की अंगूठी में नहीं पहनना चाहिए, ऐसा करना नुकसानदायक हो सकता है।

अगर घर में कोई न कोई परेशानी रहती है या तनाव और झगड़ा रहता है तो माणिक्य पहनना बहुत फायदेमंद रहेगा। माणिक्य पहनने से रिश्ते मजबूत होते हैं और चारों ओर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इस रत्न की गर्माहट रिश्तों को बनाए रखती है और व्यक्तित्व में भी काफी बदलाव देखने को मिलता है।

सरकारी कामों में सफलता और तरक्की के लिए माणिक्य रत्न पहनना फायदेमंद रहेगा। इस रत्न को पहनने से सूर्य पूजा का फल कई गुना बढ़ जाता है और हृदय रोग, नेत्र रोग, पित्त विकार से मुक्ति मिलती है। यह आपके अंदर आत्मविश्वास और सकारात्मक ऊर्जा भी बढ़ाता है जिससे कार्यक्षेत्र में अच्छी तरक्की होती है।

माणिक रत्न के नुकसान (Disadvantage Of Ruby Stone In Hindi)

माणिक्य धारण करने से नौकरी में परेशानियां आ सकती हैं। कुंडली का विश्लेषण किए बिना माणिक्य धारण करने से हृदय रोग और नेत्र रोग हो सकते हैं। यदि कुंडली में सूर्य शनि से पीड़ित है और व्यक्ति माणिक्य धारण करता है तो व्यक्ति को रक्तचाप जैसी समस्या हो सकती है। यदि कुंडली का विश्लेषण किए बिना माणिक्य धारण किया जाए तो व्यक्ति के बॉस और पिता से संबंध खराब हो सकते हैं।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार राशि के अनुसार माणिक्य धारण करना लाभकारी होता है। मेष, सिंह और धनु लग्न में माणिक्य धारण करना शुभ माना जाता है। इसी तरह सूर्य की स्थिति धन भाव, 11वें भाव, 10वें भाव, 9वें भाव, 5वें भाव, 11वें भाव में होने पर माणिक्य रत्न पहना जा सकता है। वहीं कन्या, मकर, मिथुन, तुला और कुंभ लग्न के लोगों को माणिक्य पहनने से बचना चाहिए।

माणिक्य धारण करने से पहले ध्यान रखें ये बातें इन हिंदी

माणिक्य धारण करने से पहले ज्योतिष विशेषज्ञों से कुंडली दिखाकर सलाह अवश्य लेनी चाहिए कि माणिक्य कितने कैरेट या रत्ती का पहनना चाहिए, तभी यह रत्न लाभ देगा। वहीं इस रत्न को हीरा, नीलम, गोमेद के साथ पहनना नुकसानदायक साबित हो सकता है। लेकिन आप माणिक्य रत्न को पुखराज, मूंगा, पन्ना और मोती के साथ भी पहन सकते हैं।

यह रत्न लाल रंग या गुलाबी रंग का होना चाहिए। इसे सोने या तांबे की धातु में पहनना शुभ माना जाता है। माणिक्य रत्न को अनामिका अंगुली में रविवार के दिन दोपहर में ध्यान करते हुए पहनना चाहिए। माणिक्य का वजन कम से कम 6 से 7 रत्ती होना चाहिए। और धारण करने से पहले अंगूठी को गाय के दूध व गंगाजल से साफ कर लेना चाहिए। उसके बाद सूर्य मंत्र सहित माणिक्य को धारण करना चाहिए।

ऐसे करें असली माणिक की पहचान

माणिक हमेशा लाल, गुलाबी, हल्के गुलाबी या रक्त लाल रंग में पाया जाता है। रत्न असली है या नहीं, यह जांचने के लिए रत्न को दूध में रखें। अगर दूध गुलाबी दिखाई दे, तो रत्न असली है।

अगर कांच के बर्तन में माणिक रखने पर उसके चारों ओर से हल्की गुलाबी किरणें निकलने लगें, तो माणिक असली है।

जब सूर्य की रोशनी माणिक पर पड़ती है, तो माणिक से लाल किरणें निकलती हैं और यह अंधेरे में भी खूब चमकता है।

असली माणिक पत्थर से रगड़ने पर घिसता नहीं है और न ही इसका वजन कम होता है।

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सूर्योदय के समय माणिक को सूर्य के सामने शीशे पर रखें। ऐसा करने पर अगर शीशे के निचले हिस्से में भी किरणें दिखाई दें, तो यह असली माणिक है।

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