सूर्य बड़ा है या चंद्रमा, पृथ्वी से सूर्य कितना बड़ा है – Surya Prithvi Se Kitna Bada Hai

सूर्य बड़ा है या चंद्रमा – सूर्यचंद्रमा सौरमंडल के सबसे जाने-माने ग्रह हैं, जिनका पृथ्वी से भी बहुत खास रिश्ता है। अगर सूर्य न हो तो पृथ्वी तक कोई रोशनी नहीं पहुंचती और अगर चंद्रमा न हो तो पृथ्वी का संतुलन बिगड़ जाता है, विनाश हो सकता है। लेकिन क्या आप जानते है सूर्य बड़ा है या चंद्रमा, पृथ्वी से सूर्य कितना बड़ा है? आइये आज हम आपको बताते है सूर्य बड़ा है या चंद्रमा, सूर्य पृथ्वी से कितना बड़ा है (Surya Prithvi Se Kitna Bada Hai) –

सूर्य बड़ा है या चंद्रमा (Surya Bada Hai Ya Chandrama)

सूर्य बड़ा है, सूर्य चंद्रमा से बड़ा है। सूर्य चंद्रमा से 400 गुना बड़ा है।

रोचक तथ्य – आपने भी गौर किया होगा कि जब भी हम सुबह या शाम को सूर्य या चंद्रमा को उगते हुए देखते हैं तो दोनों बराबर दिखते हैं। ऐसा लगता है कि दोनों का व्यास एक जैसा है। जबकि सूर्य हमारे सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है। इसका व्यास 13 लाख 90 हजार किलोमीटर है, जबकि चंद्रमा का व्यास सिर्फ 3,474 किलोमीटर है। वही पृथ्वी का व्यास 12,742 किमी यानी किलोमीटर मापा गया है। इस लिहाज से सूरज धरती से लगभग 109 गुना बड़ा है। फिर चंद्रमा सूर्य के बराबर क्यों दिखता है?

सूर्य चंद्रमा से 400 गुना चौड़ा है, लेकिन यह पृथ्वी से करीब 400 गुना दूर भी है। यही वजह है कि आसमान में चंद्रमा और सूर्य एक ही आकार के दिखाई देते हैं। यह महज संयोग है। अगर पृथ्वी से सूर्य की दूरी इससे कम या ज्यादा होती, तो दोनों के आकार में अंतर साफ दिखाई देता। पृथ्वी से सूर्य की दूरी 14 करोड़ 96 लाख किलोमीटर है। जबकि पृथ्वी से चंद्रमा की दूरी करीब 384,403 किलोमीटर है। यह संयोग अब तक ज्ञात किसी अन्य ग्रह के साथ नहीं है, इसीलिए उनके आकार हमें अलग-अलग दिखाई देते हैं।

एक और दिलचस्प बात यह है कि ज्वार-भाटा की वजह से चंद्रमा हर साल पृथ्वी से करीब एक इंच दूर होता जा रहा है। लेकिन अतीत में एक बार चंद्रमा पृथ्वी के इतने करीब था कि वह सूर्य को पूरी तरह से ढक लेता था। जिस तरह से चंद्रमा पृथ्वी से दूर जा रहा है, उससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि आज से लगभग 50 करोड़ वर्ष बाद चंद्रमा इतना दूर हो जाएगा कि ग्रहण काफी कम दिखाई देगा।

पृथ्वी से सूर्य कितना बड़ा है – Surya Prithvi Se Kitna Bada Hai (Suraj Kitna Bada Hai)

सूर्य हमारी आकाशगंगा का सबसे बड़ा तारा है। ग्रहों में सबसे बड़ा और पृथ्वी पर ऊर्जा और जीवन का कारण है। आइए आपको सूर्य के बारे में कुछ रोचक तथ्य बताते हैं।

सूर्य पृथ्वी और हमारी आकाशगंगा के अन्य सभी ग्रहों से बहुत अलग है। यह एक तारा है और यह इतना बड़ा है कि इसमें कई पृथ्वी समा सकती हैं। सभी ग्रह इसके चारों ओर चक्कर लगा रहे हैं।

सौरमंडल के कुल द्रव्यमान का 99.8% सूर्य का है जबकि शेष बृहस्पति का है। सूर्य के बाद, बृहस्पति सौरमंडल का सबसे बड़ा ग्रह है।

सूर्य हमें तब बड़ा नहीं लगता जब वह पृथ्वी से बहुत दूर स्थित होता है, लेकिन सूर्य इतना बड़ा है कि उसमें 110 पृथ्वी समा सकती हैं। सूर्य का व्यास 13 लाख 92 हजार किलोमीटर (865000 मील) है, जो पृथ्वी के व्यास से लगभग 110 गुना है। सूर्य पृथ्वी से 13 लाख गुना बड़ा है और पृथ्वी को सौर ऊर्जा का 2 अरबवाँ हिस्सा प्राप्त होता है।

सूर्य से पृथ्वी की औसत दूरी लगभग 14,96,00,000 किलोमीटर या 9,29,60,000 मील है। सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुँचने में 8 मिनट 16.6 सेकंड लगते हैं।

ब्रह्मांड इतना विशाल है कि यह कल्पना से परे है और इसमें सूर्य जैसे असंख्य तारे हैं। यानी आकाशगंगा में सूर्य की स्थिति 100 अरब से अधिक तारों में से एक है। हमारा सूर्य एक साधारण मुख्य अनुक्रम G2 श्रेणी का तारा है।

सूर्य अत्यंत गर्म गैसों से बना एक गोला है जिसके केंद्र का तापमान 1.5 करोड़ डिग्री सेल्सियस है। सूर्य में मौजूद गैस का लगभग 72 प्रतिशत हाइड्रोजन है, और 26 प्रतिशत हीलियम है।

सूर्य की सतह का तापमान लगभग 10,000 फ़ारेनहाइट (5,600 सेल्सियस) है। इसकी की सतह से सूर्य के केंद्र की ओर तापमान बढ़ता है, जहाँ यह इसका तापमान लगभग 27,000,000 फ़ारेनहाइट (15,000,000 सेल्सियस) तक पहुँच जाता है।

सौर वायुमंडल की सबसे ऊपरी परत, जिसे कोरोना के नाम से जाना जाता है, लाखों डिग्री के तापमान तक पहुँच जाती है। कोरोना प्रकाश का चमकीला प्रभामंडल है, इसे पूर्ण सूर्य ग्रहण के समय देखा जा सकता है।

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