हिंदी कहानियां अच्छी अच्छी – Hindi Kahani Acchi Acchi Kahani

हिंदी कहानियां अच्छी अच्छी – अच्छी कहानियां हमारे बच्चे के जीवन में अमिट छाप छोड़ती हैं। इसलिए आपको अपने बच्चे को अच्छी कहानियां सुनानी चाहिए। आज हम आपके लिए हिंदी की अच्छी अच्छी कहानियां लेकर आए है, जिन्हे पढ़कर न केवल आपका ज्ञान बढ़ेगा बल्कि आपको बहुत कुछ सीखने को भी मिलेगा। तो आइये जानते है हिंदी कहानी अच्छी अच्छी (Hindi Kahani Acchi Acchi Kahani) –

हिंदी कहानियां अच्छी अच्छी (Hindi Kahaniyan Acchi Acchi Kahaniyan)

1) अजीब चिड़िया की गजब कहानी

एक बार की बात है, एक शहर में एक बड़े पेड़ पर पोनिया नाम का पक्षी रहता था। वह बहुत सुंदर और सफेद रंग का था। पोनिया के बारे में एक खास और आश्चर्यजनक बात यह थी कि उसका मल कुछ ही देर में सोने में बदल जाता था। लेकिन इस बारे में किसी को पता नहीं था।

एक बार एक राहगीर उस पेड़ के नीचे से गुजर रहा था। पेड़ के नीचे छाया देखकर उसने सोचा कि क्यों न थोड़ा आराम करके यहां से आगे चला जाए? वह उस पेड़ की छाया में आराम करने लग गया।

वह उस पेड़ की छाया में आराम कर रहा था कि तभी पोनिया पक्षी ने उसके सामने मल त्याग किया। जैसे ही पक्षी का मल जमीन पर गिरा, वह सोने में बदल गया। यह देखकर राहगीर बहुत खुश हुआ और उसने उस पक्षी को पकड़ने की सोची और अपनी गठरी खोलकर एक कपड़ा और कुछ चने निकाले, पेड़ के नीचे कपड़ा बिछाया और उस पर चने फैला दिए।

चने के बीज देखकर पोनिया पेड़ से नीचे उतरी और दाने खाने लगी। राहगीर ने देखा कि पक्षी दाने खाने में व्यस्त था। मौका मिलते ही उसने पोनिया को कपड़े से चारों ओर लपेटाकर कपड़े में बांध दिया। इसके बाद राहगीर की खुशी का ठिकाना नहीं रहा।

राहगीर पोनिया को अपने घर ले आया और पिंजरे में बंद कर दिया। वह प्रतिदिन पक्षी का मल इकट्ठा करता और उसे बाजार में बेचता। कुछ ही दिनों में राहगीर धनवान हो गया।

एक दिन राहगीर को यह चिंता सताने लगी कि यदि राजा को इस बात का पता चल गया तो वह पक्षी को अपने पास तो रखेगा ही, साथ ही उसे दण्ड भी देगा।

यह सोचकर वह डर के मारे राजा के दरबार में गया और उसे सारी बात बताई। राजा ने आदेश दिया कि पक्षी को उसके बगीचे में सबसे सुंदर पिंजरे में प्यार से रखा जाए और उसे अच्छा खाना खिलाया जाए।

सारी बात सुनने के बाद मंत्री ने राजा से कहा, “इस मूर्ख व्यक्ति की बातों पर विश्वास न करें। महाराज, क्या मल भी सोना बन सकता है? क्या यह आदमी पागल है?” क्या ऐसा कभी होता है? इसलिए बेहतर होगा कि इसे मुक्त करने का आदेश दिया जाए।”

मंत्री की बात सुनकर राजा ने पक्षी को मुक्त करने का आदेश दिया। पोनिया के जाने की खबर सुनकर पक्षी ने राजा के दरवाजे पर सोना मल दिया और उड़ गया।

यह देखकर राजा ने सैनिकों को उसे पकड़ने का आदेश दिया, लेकिन तब तक पक्षी उड़ चुका था।

2) गधे की बुद्धिमानी

एक गधा जंगल में घास चर रहा था। वह रोज जंगल में आता, घास खाता और चला जाता। उसके मालिक हरिया धोबी का घर जंगल के किनारे पर था।

गधा जंगल की हरी घास खाकर बहुत खुश था। आज तक उसे जंगल में किसी खतरे का सामना नहीं करना पड़ा था, लेकिन आज उसे झाड़ियों से कुछ सरसराहट की आवाज सुनाई दी। गधे ने जब ऊपर देखा तो वह दंग रह गया। झाड़ियों के पीछे से एक बाघ निकलकर उसके सामने खड़ा हो गया।

गधे को लगा कि आज तो वह मारा ही गया, लेकिन वह एक चतुर गधा भी था, उसने सोचा कि अगर मरना ही है तो एक बार जीने का मौका क्यों न लिया जाए और अपनी जगह से हिले बिना ही उसने डरना बंद कर दिया और लंगड़ाता हुआ चलने लगा।

बाघ उसके पास आया और बोला, “क्यों गधे, तुम्हारे पैर में क्या हुआ? तुम लंगड़ा क्यों रहे हो?”

गधे ने कहा, “क्या बताऊं महाराज, मेरे पैर में एक मोटा लंबा कांटा चुभ गया है, जिसकी वजह से मेरी यह हालत हुई है।” यदि तुम मुझे खाने का इरादा रखते हो तो पहले मेरे पैर से यह कांटा निकालो, अन्यथा मुझे खाते समय यदि यह कांटा तुम्हारे मुंह में लग गया तो तुम्हारी मृत्यु भी हो सकती है।

बाघ ने कहा कि यह तो बिल्कुल ठीक है, कांटा कहां है? गधे की बात पर विश्वास करके बाघ ने पूछा।

गधे ने पलटकर अपना पिछला पैर बाघ की मुंह की ओर कर दिया। बाघ कांटा ढूंढने लगा।

ऐसे में गधे ने मौका पाते ही उसके मुंह पर जोर से मारा और भाग गया।

बाघ के लगते ही बाघ के मुंह से चीख निकल गई। बाघ के आगे के दांत टूटकर उसके मुंह में जा गिरे। बाघ दर्द से कराहने लगा और बोला, अरे धोखेबाज! अब मैं तुझे कभी जिंदा नहीं छोड़ूंगा। मैं कितना मूर्ख हूं, एक गधे से हार गया।

3) शेर और बिल्ली की कहानी

बात सालों पहले की है, एक जंगल में नील नाम की एक बहुत ही चतुर बिल्ली रहती थी, हर कोई उससे ज्ञान प्राप्त करने की इच्छा रखता था। जंगल में रहने वाले सभी जानवर उस बिल्ली को मौसी कहकर पुकारते थे, साथ ही कुछ जानवर मौसी बिल्ली के पास रोजाना पढ़ने भी जाया करते थे।

एक दिन एक शेर मौसी बिल्ली के पास पंहुचा। उसने बिल्ली मौसी से कहा, “मुझे भी आपसे शिक्षा चाहिए। मैं आपका छात्र बनने की इच्छा रखता हूँ और आपसे सब कुछ सीखना चाहता हूँ, ताकि मुझे अपने जीवन में किसी भी समस्या का सामना न करना पड़े।”

बिल्ली पहले तो शेर की बात सुनती रही, कुछ देर सोचने के बाद बिल्ली ने कहा, “ठीक है, तुम कल से शिक्षा लेने आ जाना।”

अगले ही दिन से शेर रोज सुबह मौसी बिल्ली के पास पढ़ने आने लगा।

एक महीना बीतने के बाद बिल्ली शेर से कहती है- “अब तुमने मुझसे सब कुछ सीख लिया है। तुम्हें कल से शिक्षा लेने आने की जरूरत नहीं है। तुम मेरी दी हुई शिक्षा की मदद से जंगल में अपना जीवन आसानी से जी सकते हो।”

शेर (Lion) ने बिल्ली से पूछा, “क्या तुम सच में सच कह रही हो, अब मैं सब कुछ सीख चूका हूँ,

बिल्ली ने उत्तर दिया, “हाँ, जो कुछ भी मैं जानती थी, वह सब मैंने तुम्हें सिखाया है और तुमने उसे अच्छे से सीखा है।”

बिल्ली की बात सुनकर शेर जोर से दहाड़ा और बोला, “तो फिर क्यों न मैं आज तुम्हारे द्वारा दिया गया ज्ञान तुम पर आजमाऊँ। इससे मुझे पता चलेगा कि मैंने कितना ज्ञान प्राप्त किया है।”

शेर की बात सुनकर बिल्ली डर गई, तब बिल्ली मौसी बोली, “मूर्ख, मैं तुम्हारी गुरु हूँ। मैंने तुम्हें सिखाया है, तुम मुझ पर इस तरह हमला नहीं कर सकते।”

शेर ने बिल्ली की बात नहीं सुनी और उस पर झपटने के लिए उसकी ओर दौड़ा।

बिल्ली अपनी जान बचाने के लिए तेजी से भागने लगी। भागते-भागते वह पेड़ पर चढ़ गई।

बिल्ली को पेड़ पर चढ़ता देख शेर पेड़ के नीचे ही खड़ा हो गया और बिल्ली से शेर ने बोला, “तुमने मुझे पेड़ पर चढ़ना नहीं सिखाया, तुमने मुझे पूरा ज्ञान नहीं दिया?”

पेड़ पर चढ़ने के बाद बिल्ली राहत की सांस लेती है और शेर को जवाब देती है, “मैंने पहले दिन से ही तुम पर भरोसा नहीं किया था।

मुझे पता था कि तुम मुझसे सीखने आए हो, लेकिन तुम मेरी जान के लिए खतरा बन सकते हो। यही वजह है कि मैंने तुम्हें पेड़ पर चढ़ना नहीं सिखाया। अगर मैंने तुम्हें यह ज्ञान दिया होता, तो तुम (शेर) आज मुझे मार देते।”

बिल्ली ने गुस्से में कहा, “आज के बाद कभी मेरे सामने मत आना। मेरी नज़रों से दूर हो जाओ।”

बिल्ली की बातें सुनकर शेर को भी गुस्सा आया, लेकिन वह कुछ नहीं कर सका क्योंकि बिल्ली पेड़ पर थी। शेर दहाड़ता हुआ वहाँ से चला गया और उसके मन में गुस्सा भर आया।

सिख – इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमें किसी पर भी आंख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए। जीवन में सभी से सावधान रहकर ही आप खुद को सुरक्षित रख सकते हैं।

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