Kalyug Kab Khatm Hoga – विश्व का सबसे पुराना धर्म हिंदू सनातन धर्म है, जिसमे चार युगों के बारे में वर्णन मिलता है, जिसमें अभी अंतिम युग यानी कलियुग चल रहा है। इस युग के अंत में विष्णुजी कल्कि अवतार के रूप में जन्म लेंगे। तो आइये जानते है कलयुग का अंत कब होगा, कलयुग का अंत कैसे होगा (Kalyug Ka Ant Kab Hoga) –
कलयुग कब खत्म होगा इन हिंदी (Kalyug Kab Khatm Hoga)
वेदों के अनुसार हिंदू धर्म में चार युगों का उल्लेख है – सत्ययुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग तथा कलियुग। इसमें सत्ययुग लगभग 17 लाख 28 हजार वर्ष पुराना है, त्रेतायुग 12 लाख 96 हजार वर्ष पुराना है, द्वापरयुग 8 लाख 64 हजार वर्ष पुराना है तथा कलियुग 4 लाख 32 हजार वर्ष पुराना है। वर्तमान में कलियुग चल रहा है।
भगवान राम का काल त्रेतायुग का था तथा श्री कृष्ण का जन्म द्वापरयुग में हुआ था। वही वर्तमान कलियुग में कल्कि का अवतार होने वाला है।
विद्वानों की मानें तो कलियुग के 4 लाख 32 हजार मानव वर्षों में अभी कुछ हजार वर्ष ही बीते हैं। कलियुग के समय की आधुनिक गणना की जाए तो इसकी शुरुआत 3,120 ईसा पूर्व में हुई थी। जब पांच ग्रह मंगल, बुध, शुक्र, बृहस्पति और शनि मेष राशि में 0 डिग्री पर थे।
इसके अनुसार अब तक कलियुग के 3102+2024 = 5126 वर्ष बीत चुके हैं। इस प्रकार कलियुग के 4,32,000 वर्षों में से 5126 घटाने पर 426874 वर्ष शेष रहते हैं। यानी कलियुग समाप्त होने में अभी 426874 वर्ष शेष हैं। वर्तमान समय को कलियुग का प्रथम चरण कहा जाता है।
कलयुग का अंत कैसे होगा (Kalyug Ka Ant Kaise Hoga)
कलियुग का अंत कब और कैसे होगा, इसकी कोई निश्चित भविष्यवाणी नहीं है, लेकिन ब्रह्मवैवर्त पुराण में कलियुग के अंत का वर्णन किया गया है। यह स्पष्ट है कि कलियुग में व्यक्ति की आयु बहुत कम हो जाएगी। पुरुष और महिला दोनों ही बीमार और कम उम्र के हो जाएंगे। लोगों के बाल 16 साल की उम्र में ही सफेद हो जाएंगे और 20 साल की उम्र में वे बूढ़े हो जाएंगे, युवावस्था समाप्त हो जाएगी।
स्वयं भगवान नारायण ने नारद से कहा है कि कलियुग में ऐसा समय आएगा जब सभी पुरुष स्त्रियों के अधीन अपना जीवन व्यतीत करेंगे। हर जगह पाप का बोलबाला होगा। मनुष्य सात्विक जीवन के बजाय तामसी जीवन जीने में विश्वास करेगा।
गंगा नदी कलियुग की पांच हजार साल की अवधि पूरी हो जाने पर सूख जाएगी और पुनः अपने वैकुंठ धाम को लौट जाएगी। जब कलियुग के दस हजार वर्ष बीत जाएंगे, तब सभी देवी-देवता पृथ्वी को छोड़कर अपने धाम वापस लौट जाएंगे। मनुष्य व्रत-उपवास, पूजा-पाठ और सभी धार्मिक कार्य करना बंद कर देंगे। एक समय ऐसा भी आएगा जब धरती पर अन्न उगना बंद हो जाएगा और पूरी धरती पानी में डूब जाएगी।
कैसा होता है कलयुग या क्या होगा कलयुग में?
इस युग में धर्म लुप्त हो जाता है और बुराइयाँ बढ़ जाती हैं। इस युग में धरती पर मनुष्य से श्रेष्ठ कोई प्राणी नहीं होता है। देव-दानव, यक्ष, गंधर्व आदि धरती पर नहीं रहते, बल्कि मनुष्य उनके कर्मों के अनुसार अपना जीवन जीते हैं, इसलिए जब कोई व्यक्ति अच्छे कर्म करता है या लोगों की जान बचाता है, तो उसे देवता कहा जाता है, जबकि जो व्यक्ति बुरे कर्मों में लिप्त रहता है, अहंकारी और पापी होता है, उसे राक्षस कहा जाता है। जनमानस में बुरे लोगों की तुलना रावण-कंस जैसे राक्षसों से की जाती है।
महाभारत में महर्षि वेद व्यास ने हजारों साल पहले कलियुग के बारे में भविष्यवाणी की थी। महर्षि के अनुसार इस युग में मनुष्य में वर्ण और आश्रम की प्रवृत्ति नहीं होगी। वेदों के अनुयायी नहीं होंगे। यहां तक कि विवाह को भी धर्म नहीं माना जाएगा। शिष्य अपने गुरु के वश में नहीं रहेंगे। घोर कलियुग के निकट आने पर अवंति, अधीर, सौराष्ट्र, शूर, अर्बुद और मालव देशों में रहने वाले ब्राह्मण कर्मकाण्ड से हीन हो जायेंगे तथा राजा भी शूद्र के जैसे ही हो जायेंगे।
भगवान विष्णु लेंगे कलयुग में कल्कि अवतार
जब दुनिया में अत्याचार और दुष्कर्म अपने चरम पर होंगे और लोग त्राहि-त्राहि कर होंगे, तब मानवता की रक्षा के लिए भगवान विष्णु एक बार फिर धरती पर अवतार लेंगे। वे कलयुग में कल्कि अवतार के रूप में प्रकट होंगे और सफेद घोड़े पर सवार होकर राक्षस रूपी बुरे लोगो का संहार करेंगे और संसार से भय और आतंक को समाप्त करेंगे। जिसके बाद संसार में फिर से सत्ययुग की स्थापना होगी। हालांकि भगवान विष्णु के इस अवतार में अभी कई वर्ष बाकी हैं। अभी से ही कल्कि अवतार की चर्चा है और उनकी पूजा और आरती की जाती है।
FAQs
कलयुग का अंत कौन से भगवान करेंगे?
कलयुग का अंत कल्कि भगवान करेंगे।
घोर कलयुग में इंसान की उम्र कितनी होगी?
मनुष्य की आयु कलियुग के अंत में महज 12 वर्ष और शरीर मात्र 4 इंच का रह जाएगा।