Kutub Minar Kahan Hai (Qutub Minar Kahan Hai) – भारत की कुतुब मीनार एशिया की सबसे ऊंची मीनार है। यह मुगल वास्तुकला का एक अद्भुत उदाहरण है, जो भारत की सबसे शानदार और प्रसिद्ध ऐतिहासिक इमारतों और मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है। इसके आकर्षण के कारण इसे यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में भी शामिल किया गया है। तो आइये अब जानते है कुतुब मीनार कहां है, कुतुब मीनार कहां स्थित है – Kutub Minar Kahan Sthit Hai (Qutub Minar Kahan Sthit Hai) –
कुतुब मीनार कहां है, कुतुब मीनार कहां स्थित है – Kutub Minar Kahan Hai (Qutub Minar Kahan Hai)
भारत की सबसे ऊंची मीनार कुतुब मीनार दिल्ली के महरौली इलाके में छतरपुर मंदिर के पास स्थित है। यह दुनिया की दूसरी सबसे ऊंची मीनार है, जिसका निर्माण 12वीं और 13वीं शताब्दी के बीच कई अलग-अलग शासकों ने करवाया था।
कुतुब मीनार का निर्माण 1193 ई. में दिल्ली के पूर्व मुस्लिम एवं गुलाम वंश के शासक कुतुबुद्दीन ऐबक द्वारा शुरू करवाया गया था, जिन्होंने कुतुब मीनार की नींव रखी और सिर्फ तहखाने के साथ पहली मंजिल बनवाई।
कुतुबुद्दीन ऐबक के शासनकाल में कुतुब मीनार का निर्माण पूर्ण नहीं हो सका, जिसके बाद इस मीनार का निर्माण दिल्ली के सुल्तान और कुतुबुद्दीन ऐबक के उत्तराधिकारी और पोते इल्तुतमिश द्वारा करवाया गया, उन्होंने इस ऐतिहासिक इमारत की तीन और मंजिलें बनवाईं। जबकि, वर्ष 1368 ई. में एशिया महाद्वीप की इस सबसे ऊंची मीनार की पांचवीं व आखिरी मंजिल का निर्माण फिरोज शाह तुगलक द्वारा करवाया गया था।
वहीं 1508 ई. में आए भयानक भूकंप के कारण कुतुब मीनार की इमारत को काफी नुकसान पहुंचा था, जिसके बाद इस मीनार की देखभाल लोदी वंश के दूसरे शासक सिकंदर लोदी ने की थी और इसकी मरम्मत करवाई थी।
इस भव्य मीनार के निर्माण में लाल बलुआ पत्थर के साथ संगमरमर का उपयोग हुआ गया है, जिसके अंदर करीब 379 गोलाकार सीढ़ियां हैं। इसके साथ ही आपको बता दें कि कुतुब मीनार की अद्भुत इमारत जाम की मीनार से प्रेरित होकर बनाई गई थी।
इस ऐतिहासिक मीनार का नाम कुतुब-मीनार कैसे पड़ा?
भारत की इस सबसे ऊंची और भव्य मीनार के नाम को लेकर इतिहासकारों में अलग-अलग राय है, जो करीब 73 मीटर ऊंची है। कुछ इतिहासकारों का मानना है कि इस शानदार मीनार का नाम गुलाम वंश के शासक और दिल्ली सल्तनत के पहले मुस्लिम शासक कुतुब-उद-दिन ऐबक के नाम पर रखा गया है। ‘कुतुब’ शब्द का अर्थ है ‘न्याय का ध्रुव’। जबकि कुछ इतिहासकारों के अनुसार मुगल काल में निर्मित इस भव्य इमारत का नाम प्रसिद्ध मुस्लिम सूफी संत ख्वाजा कुतुबुद्दीन बख्तियार काकी के नाम पर रखा गया था।
कुतुब मीनार का समय –
भारत की सबसे ऊंची और शानदार इमारत कुतुब मीनार सप्ताह के सभी दिन खुली रहती है। यह इमारत सुबह 6 बजे खुलती है और शाम 6 बजे बंद हो जाती है। पर्यटक किसी भी मौसम में इस मीनार को देखने आ सकते हैं।
कुतुब मीनार कैसे पहुँचें?
कुतुब मीनार भारत की राजधानी दिल्ली में स्थित है, जिसकी दुनिया के हर देश और राज्य से अच्छी परिवहन कनेक्टिविटी है। दिल्ली में कुतुब मीनार तक मेट्रो ट्रेन से भी पहुंचा जा सकता है, इसके सबसे नजदीक कुतुब मीनार मेट्रो स्टेशन है।
इसके अलावा पर्यटक दिल्ली की लोकल बस के जरिए भी यहां पहुंच सकते हैं।
महरौली जाने वाली सभी बसें कुतुब मीनार से होकर गुजरती हैं, क्योंकि महरौली बस स्टैंड कुतुब मीनार मस्जिद के पास ही स्थित है। इसके अलावा ऑटो और कैब के जरिए भी आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है।
FAQs – Kutub Minar Kahan Per Hai
कुतुब मीनार के निर्माण में किन सामग्रियों का उपयोग किया गया है?
दुनिया की सबसे ऊंची मीनार कुतुब मीनार के निर्माण में लाल बलुआ पत्थर का उपयोग किया गया है।
कुतुब मीनार में कितनी मंजिलें हैं?
कुतुब मीनार की इमारत में पाँच मंजिलें हैं और कुतुब मीनार की हर मंजिल पर एक बालकनी है।
कुतुब मीनार में कितनी सीढ़ियाँ हैं?
कुतुब मीनार में सीढ़ियों की कुल संख्या 378 है। और इसकी कुल ऊँचाई 72.5 मीटर (237.86 फीट) है और इसकी गोलाई 14.3 मीटर है।
क्या कुतुब मीनार किसी हिंदू की है?
कुतुब मीनार के स्थान पर बहुत शोध करने के बाद, यह पता चला है कि जिस स्थान पर कुतुब मीनार बनाई गई है, वह पहले एक हिंदू मंदिर स्थल था जिसे ध्वस्त कर दिया गया था और कुतुब मीनार का निर्माण किया गया था।
क्या कुतुब मीनार में खाना खाने की अनुमति है?
अगर आप कुतुब मीनार घूमने जा रहे हैं और खाने का सामान ले जा रहे हैं, तो कुतुब मीनार में खाना खाने की अनुमति नहीं है, आप वहां केवल पानी ले जा सकते हैं।
कौन से राज्य में कुतुब मीनार स्थित है?
कुतुब मीनार दिल्ली में स्थित है।
कुतुब मीनार कौन सा पत्थर से बना है?
कुतुब मीनार बलुआ पत्थर से बना है।